
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश ने अब आफत का रूप ले लिया है। खासकर कोटा जिले के मोडक कस्बे में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यहां बाढ़ जैसे दृश्य सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों की दैनिक दिनचर्या पूरी तरह ठप हो गई है। तेज बारिश के चलते घर, स्कूल, अस्पताल, एटीएम से लेकर मंदिरों तक में पानी भर गया है। कई इलाकों में घरों के अंदर चार फीट तक पानी बह रहा है, जिससे स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
बैराज के गेट खोले गए, पानी की निकासी तेज
कोटा शहर से सटे कोटा बैराज में जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण 19 में से 5 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे बड़ी मात्रा में पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है। हालांकि इससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन दूसरी ओर निचले इलाकों में जलभराव और अधिक बढ़ने की संभावना भी बनी हुई है।
जनजीवन पूरी तरह प्रभावित
मोडक कस्बे और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात बाधित हो गया है। स्कूली बच्चों को स्कूल तक पहुंचना मुश्किल हो गया, वहीं कई स्कूलों ने एहतियातन छुट्टी घोषित कर दी है। अस्पतालों में भी पानी घुस जाने से इलाज व्यवस्था प्रभावित हुई है, और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कई घरों में पानी के साथ कीचड़ और मलबा भी घुस गया है, जिससे घरों में रहना मुश्किल हो गया है। कुछ लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
कोटा जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल राहत और बचाव कार्यों में जुट गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात की जा रही हैं। जिला कलेक्टर ने सभी तहसीलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं और निचले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और बारिश व बाढ़ के दौरान घरों से बाहर निकलने से परहेज करें। साथ ही जलमग्न क्षेत्रों में बिजली उपकरणों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी भी दी गई है।