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कोटा-नागदा के बीच 180 की स्पीड से दौड़ी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, ग्लास से नहीं छलका एक बूंद पानी

कोटा-नागदा के बीच 180 की स्पीड से दौड़ी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, ग्लास से नहीं छलका एक बूंद पानी

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का एक बार फिर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर 180 kmph की स्पीड से टेस्ट किया गया। चीफ रेलवे प्रोटेक्शन कमिश्नर जनक कुमार जैन की मौजूदगी में हुए इस टेस्ट में 16 कोच वाली स्लीपर ट्रेन को कोटा और नागदा के बीच दौड़ाकर देखा गया। तेज स्पीड में ट्रेन कितनी स्टेबिलिटी में है, यह चेक करने के लिए ट्रेन में पानी का गिलास डाला गया, लेकिन वह गिरा नहीं।

ट्रेन 180 kmph की स्पीड से स्टेशन से गुजरी
रेलवे ने अलग-अलग जगहों से ट्रेन के वीडियो भी रिकॉर्ड किए। इस वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 20 सेकंड में 180 kmph की स्पीड से स्टेशन से गुजरती दिखी। ट्रायल के दौरान कोटा रेलवे डिवीजन के DRM अनिल कालरा भी ट्रेन में मौजूद थे। कोटा रेलवे डिवीजन के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर सौरभ जैन ने बताया कि तेज स्पीड का टेस्ट सफल रहा। NDTV पर लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज़
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल सफल
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के ट्रायल के दौरान, ट्रेन की स्टेबिलिटी, ऑसिलेशन स्पीड, इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम और सेफ्टी सिस्टम को भी टेस्ट किया गया। इसके अलावा, कई टेक्निकल पहलुओं की भी जांच की गई। ट्रेन का टेस्ट और हाई-स्पीड परफॉर्मेंस संतोषजनक पाया गया। नतीजतन, ट्रायल को पूरी तरह सफल घोषित किया गया।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह ट्रायल सेफ्टी और परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड को टेस्ट करने के लिए किया गया था। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो यात्रियों को आरामदायक और तेज़ यात्रा का अनुभव देती है। सफल ट्रायल के बाद, उम्मीद है कि आने वाले महीनों में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को रेगुलर ऑपरेशन के लिए मंज़ूरी मिल जाएगी। इसे एक ऐसा कदम माना जा रहा है जो भारतीय रेलवे के हाई-स्पीड नेटवर्क को एक नई दिशा देगा।

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