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रणथंभौर दुर्ग में फिर बाघ की दहाड़, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

रणथंभौर दुर्ग में फिर बाघ की दहाड़, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

राजस्थान के प्रसिद्ध रणथंभौर दुर्ग और उसके आसपास के क्षेत्र में एक बार फिर बाघ की सक्रियता देखी गई है। बाघ के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने एहतियाती कदम उठाते हुए दुर्ग और त्रिनेत्र गणेश मंदिर में आमजन व श्रद्धालुओं की प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह निर्णय अग्रिम आदेशों तक प्रभावी रहेगा।

बाघ की मूवमेंट से सतर्क हुआ वन विभाग

जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में रणथंभौर दुर्ग के आसपास लगे कैमरा ट्रैप और गश्त के दौरान बाघ की उपस्थिति के कई साक्ष्य सामने आए हैं। इससे वन विभाग की टीम सतर्क हो गई है। आमतौर पर बाघ इस इलाके में कभी-कभार ही आते हैं, लेकिन इस बार मूवमेंट लगातार बना हुआ है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

रणथंभौर किले के भीतर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में हर रोज़ सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन बाघ की मौजूदगी से श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में वन विभाग ने सुरक्षा के मद्देनज़र मंदिर और दुर्ग क्षेत्र में आम लोगों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया—

“फिलहाल बाघ का मूवमेंट लगातार ट्रैक किया जा रहा है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है।”

पर्यटकों के लिए भी चेतावनी

रणथंभौर नेशनल पार्क देश-विदेश के पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। ऐसे में बाघ के मूवमेंट को देखते हुए पर्यटकों को भी अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। सफारी क्षेत्र में अतिरिक्त निगरानी बढ़ा दी गई है और कुछ रूट्स पर अस्थाई रूप से रोक भी लगाई गई है।

मंदिर प्रबंधन की अपील

त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पुजारियों और प्रबंधन समिति ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे वन विभाग के निर्देशों का पालन करें और दुर्ग की यात्रा फिलहाल न करें।

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