
राजस्थान में पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी और लू से परेशान जनता के लिए राहत की खबर सामने आई है। मौसम विभाग जयपुर ने शुक्रवार को राज्य के 23 जिलों में आंधी और बारिश की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है। इस पूर्वानुमान के साथ ही तापमान में गिरावट और गर्मी से राहत की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
45 डिग्री तक पहुंचा पारा, लोग बेहाल
राजस्थान में मई के अंत और जून की शुरुआत से ही तापमान ने विकराल रूप ले लिया था। प्रदेश के बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, नागौर, चूरू और बाड़मेर जैसे इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका था। लू के थपेड़ों से दिन तो गर्म रहते ही हैं, साथ ही रातें भी तपन से राहत नहीं दे रही थीं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान में गर्म हवाएं तेज गति से चल रही थीं, जिससे हीटवेव (लू) का असर लगातार बना हुआ था। कई जगहों पर स्कूलों के समय में बदलाव करना पड़ा और जनजीवन प्रभावित हुआ।
इन जिलों में संभावित है बारिश और तेज हवा
मौसम केंद्र जयपुर द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, जिन 23 जिलों में तेज आंधी और बारिश की संभावना है, उनमें शामिल हैं:
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जयपुर, अजमेर, अलवर, दौसा, टोंक, सीकर, झुंझुनूं, भरतपुर, करौली, धौलपुर, कोटा, बूंदी, बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद और सिरोही।
इन जिलों में अगले 24 से 48 घंटों के भीतर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने, धूलभरी आंधी और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने किसानों और आमजन को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी है।
किसानों को फसल सुरक्षा की सलाह
बारिश और आंधी के अलर्ट के बाद कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि वे अपने खेतों में पकी हुई फसल और अनाज को सुरक्षित स्थानों पर रख लें। वहीं, जिन क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना है, वहां खुले में काम करने से बचने की सलाह दी गई है।
मॉनसून से पहले की राहत
यह प्री-मानसून गतिविधि राजस्थान के लिए मॉनसून से पहले की राहत के रूप में देखी जा रही है। हालांकि मानसून की औपचारिक शुरुआत में अभी समय है, लेकिन इस तरह की मौसमी हलचल से लोगों को कुछ दिनों तक गर्मी से राहत मिल सकती है।
प्रशासन सतर्क, अलर्ट मोड में
राज्य सरकार और संबंधित प्रशासनिक इकाइयों को मौसम विभाग के अलर्ट के बाद तत्परता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन टीमों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि तेज हवाओं या बारिश के कारण कहीं कोई नुकसान हो तो तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।