Nagaur के ठग ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के नाम से 70 हजार रुपये ठगे, एप्रूवल लेटर भेज मंगाए रुपये
नागौर न्यूज़ डेस्क, जिले के मकराना शहर में लकवाग्रस्त युवक के साथ ठगों ने योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट के नाम पर 70 हजार रुपए की ठगी कर दी। ठगों ने पीड़ित से हरिद्वार में 5 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित शिविर में दस दिन उपचार के लिए शामिल करने का कह एडवांस बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी की। इसके बाद ठगों ने पीड़ित को मेल भेजकर 41 हजार 500 रुपए की और डिमाण्ड की। लेकिन बाबा रामदेव के वास्तविक संस्थान में उपचार की उच्चतम पैकेज ही 70 हजार रुपए है, इस पर पीड़ित युवक को धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ। अब उसने मकराना थाने में मामला दर्ज करा दिया है।
लकवा ग्रस्त युवक विष्णु कुमार गौड़ पुत्र रामविलास (44) निवासी गांगवा ने बताया कि उसने पैरेलिसिस इलाज के लिए नेट पर सर्च किया तो उसे पता चला कि बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान द्वारा 5 से 15 फरवरी तक पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उसने गूगल से सामने आई वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन फार्म भर शिविर के लिए आवेदन कर दिया।
इसके बाद उसे पतंजलि योग पीठ के मुख्य शिविर आयोजक के नाम से एक कॉल आया और शिविर की जानकारी देते हुए पीड़ित युवक को अपना आधार कार्ड वाट्सअप करने को कहा। इस पर विष्णु कुमार ने अपना व पत्नी का आधार कार्ड उसे वाट्सअप कर दिया। उसके बाद उसे बताया गया कि रजिस्ट्रेशन हो गया है और एडवांस बुकिंग के लिए उन्हें संस्थान को 70 हजार रूपए फोन-पे या नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा करवाना होगा। उसने पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट के अकाउंट नंबर भी उसे भेज दिए। इसके बाद विष्णु ने 70 हजार रुपये NEFT कर दिए।
इसके बाद विष्णु को एक मेल मिला। मेल में उससे डाक्टर्स से परामर्श की फीस 41 हजार 500 रूपए की और मांग की गई। इस पर विष्णु को शंका हुई और उसने ई मित्र पर जाकर अकाउंट नंबर की जांच का प्रयास किया तो पता चला कि वो अकाउंट पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट के नाम से नहीं था। हैरत की बात यह है कि पीड़ित विष्णु को ठग ने वाट्सअप पर पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट की अकाउंट डिटेल का जो प्रफॉर्मा भेजा था उस पर महामंत्री के तौर पर आचार्य बालाकृष्णा के फर्जी हस्ताक्षर व सील भी है एवं उस पर बाबा रामदेव व आचार्य बालाकृष्णा की फोटो भी लगी है।
इस बारे में पतंजलि संस्थान ने बताया कि वे शिविर में मरीजों के उपचार के लिए एडवांस बुकिंग करते हैं, परंतु एडवांस रकम नहीं लेते। संस्थान सदस्यों ने धोखाधड़ी की पुलिस में रिपोर्ट करने की सलाह दी।
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!!