राजस्थान में शिक्षकों का फिर बिगुल, सीकर में राज्य परिषद कार्यशाला में आंदोलन का ऐलान, सरकार को दी चेतावनी

राजस्थान में सरकारी शिक्षकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीकर जिले के नवलगढ़ रोड स्थित शिक्षक भवन में आयोजित दो दिवसीय राज्य परिषद कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने प्रदेशभर में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। कार्यशाला में शिक्षक संगठनों ने एक सुर में सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
शिक्षकों की मांगें अब भी अधूरी
राज्य कार्यशाला में प्रदेशभर से आए शिक्षक नेताओं और प्रतिनिधियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई बार वार्ताएं हुईं, आश्वासन भी मिले, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
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पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
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पदोन्नति में देरी पर रोक
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शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती
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शिक्षकों के स्थानांतरण की पारदर्शी नीति
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वेतन विसंगतियों का समाधान
आंदोलन की चेतावनी
शिक्षक संगठनों ने ऐलान किया कि यह कार्यशाला केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं है, बल्कि संघर्ष की नई रणनीति तैयार करने का अवसर है।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा:
"अब आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। सरकार को ठोस फैसले लेने होंगे, नहीं तो हम प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।"
शिक्षा बचाओ का लिया संकल्प
कार्यशाला में केवल मांगों को लेकर ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए शैक्षिक ढांचे को बचाने के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
कार्यशाला में यह मुद्दा भी उठा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों की समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम बच्चों को भविष्य देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमें खुद ही अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है।”