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स्कूल में मोबाइल बैन के आदेश से शिक्षकों मे नाराजगी, वायरल वीडियों में देखें ताजा हालात

 राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर लगातार अपने बयानों से चर्चा में बने हुए है। उन्होंने हाल ही में शिक्षकों के स्कूल में मोबाइल फोन नहीं लाने को लेकर आदेश जारी किया था। इस फरमान के बाद शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो वहीं इस कई शिक्षक फैसले का विरोध भी कर रहे हैं.............
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर लगातार अपने बयानों से चर्चा में बने हुए है। उन्होंने हाल ही में शिक्षकों के स्कूल में मोबाइल फोन नहीं लाने को लेकर आदेश जारी किया था। इस फरमान के बाद शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो वहीं इस कई शिक्षक फैसले का विरोध भी कर रहे हैं। देशभर में डिजिटल इंडिया को लेकर केंद्र सरकार मुहिम चला रही है। अधिकतर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों पर स्कूल टाइम में मोबाइल के प्रतिबंध के बयान को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को स्कूलों में मोबाइल लाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। जिस पर पंचायती राज शिक्षक संघ के संयोजक शंभू सिंह मेड़तिया ने कहा कि शिक्षा मंत्री जी अभी नई-नई सरकार बनी है। आप लोकसभा चुनाव प्रचार के अंदर व्यस्त थे। आपको राजस्थान की शिक्षा विभाग का ढांचा समझने का समय नहीं मिला है। आप पूर्व में भी शिक्षा मंत्री नहीं रहे। हमारे शिक्षा विभाग में बहुत सारी उलझनें हो चुकी हैं।

शिक्षक एक सूचना तंत्र

प्रदेश के शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग का शिक्षक एक सूचना तंत्र बन चुका है। प्रदेश में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां पर एक ही टीचर है। शिक्षा विभाग उनसे छोटी-छोटी बात पर अधिकारियों द्वारा पत्राचार किया जाता है। व्हॉट्सएप पर मैसेज के जरिए ही यह काम हो सकता है। वहां शिक्षक बिना मोबाइल के कैसे रहेगा? कहीं-कहीं यह लागू हो सकता है, जहां पर पूर्णतया टीचर हो जहां पर प्रिंसिपल के रूम में मोबाइल जमा किए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों में बराबर टीचर नहीं है। कर्मचारी भी नहीं है। ऐसी जगह पर बिना मोबाइल के शिक्षक रह नहीं सकता, क्योंकि डिपार्टमेंट बार-बार परेशान करता है कि सूचना भेजो-सूचना भेजो। शिक्षक संघ के संयोजक शंभूसिंह मेड़तिया ने बताया कि ‘शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी हमारे शिक्षा मंत्री को है या नहीं? मैं हाथ जोड़कर कहना चाहूंगा कि पहले आप हमारे विभाग की कार्यशैली समझें, विभाग को समझें और विद्यालय को समझें। आप विद्यालय में जाते हैं, वहां सफाई नहीं होती। वहां पर शिक्षकों को APO करते हैं। मैं आपके इस फैसले का भी विरोध करता हूं।’

मनचाहा आदेश निकालते हैं शिक्षामंत्री

उन्होंने आगे कहा कि ‘आप हर बात पर शिक्षकों को अपमानित करते हैं। आप APO शिक्षा मंत्री हैं। आपको देखना चाहिए कि शिक्षक कैसे हालात में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। एक-एक स्कूल में 500-500 बच्चे हैं. वहां पर दो शौचालय हैं। आप आते हैं APO करते हैं। अपनी मर्जी से मनचाहा आदेश निकालते हैं। हम आपके आदेश की घोर निंदा और विरोध करते हैं। मोबाइल के प्रतिबंध से पहले जो विभाग के द्वारा हमसे ऑनलाइन सूचना मांगी जाती है, उसको बंद करे। हमारे बहुत सारे शिक्षक बीएलओ बने हुए हैं, चुनाव में व्यस्त हैं’।

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