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प्रमोद जैन भाया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, लेकिन जांच पर रोक से इनकार

प्रमोद जैन भाया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, लेकिन जांच पर रोक से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बारां से पूर्व विधायक प्रमोद जैन भाया द्वारा दायर याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। भाया ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 29 एफआईआर को एक में मर्ज करने या रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह राजस्थान सरकार द्वारा की जा रही जांच पर रोक नहीं लगाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने दी प्रारंभिक राहत

जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार को जवाब दाखिल करना होगा, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि एफआईआर की जांच पर कोई स्थगन (स्टे) नहीं दिया जाएगा। कोर्ट का कहना था कि अभी इस स्तर पर जांच को बाधित करना उचित नहीं होगा।

क्या है याचिका में मांग?

पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि उनके खिलाफ लगभग 29 एफआईआर विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें कई मामले एक जैसे आरोपों और घटनाओं पर आधारित हैं। उन्होंने मांग की है कि इन सभी एफआईआर को या तो एक साथ मर्ज किया जाए या फिर उन्हें रद्द किया जाए, क्योंकि यह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर दर्ज की गई हैं।

राजस्थान सरकार पर लगाए राजनीतिक साजिश के आरोप

भाया की ओर से कहा गया कि ये एफआईआर पूर्वग्रह और बदले की भावना से दर्ज की गई हैं। याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि अलग-अलग मामलों में अलग-अलग जांच एजेंसियों की कार्रवाई से न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा है और यह उन्हें मानसिक प्रताड़ना देने जैसा है।

राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करते हुए राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब अगली सुनवाई में राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्यों इतने मामलों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं और क्या उन्हें एकसाथ मर्ज किया जा सकता है।

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