Samachar Nama
×

माध्यमिक शिक्षा में सख्ती: ‘नो गिफ्ट–नो गेस्ट’ नीति लागू, प्रायोगिक परीक्षाओं की वीडियोग्राफी अनिवार्य

माध्यमिक शिक्षा में सख्ती: ‘नो गिफ्ट–नो गेस्ट’ नीति लागू, प्रायोगिक परीक्षाओं की वीडियोग्राफी अनिवार्य

राज्य के सरकारी और निजी माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित होने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं, निरीक्षणों और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामने आ रही अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के निदेशक सीताराम जाट ने प्रदेशभर के सभी विद्यालयों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए ‘नो गिफ्ट–नो गेस्ट’ नीति को प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। इसके तहत अब प्रायोगिक परीक्षाओं की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है।

शिक्षा विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि प्रायोगिक परीक्षाओं और निरीक्षण के दौरान कुछ स्थानों पर नियमों की अनदेखी की जा रही है। कहीं परीक्षकों को उपहार देने, तो कहीं अनावश्यक मेहमानों की मौजूदगी जैसी बातें सामने आ रही थीं। इससे न केवल परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठते थे, बल्कि मेधावी विद्यार्थियों के साथ भी अन्याय होता था। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय ने यह सख्त फैसला लिया है।

जारी निर्देशों के अनुसार, अब किसी भी विद्यालय में प्रायोगिक परीक्षा, निरीक्षण या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान परीक्षकों अथवा अधिकारियों को किसी भी प्रकार का उपहार, सम्मान या सुविधा प्रदान करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही, परीक्षा या निरीक्षण के दौरान बाहरी व्यक्तियों अथवा अनावश्यक अतिथियों की मौजूदगी भी स्वीकार नहीं की जाएगी। ‘नो गिफ्ट–नो गेस्ट’ नीति का उद्देश्य पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है।

इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने प्रायोगिक परीक्षाओं की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा की शुरुआत से लेकर समापन तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर यह वीडियो विभागीय जांच के लिए प्रस्तुत करनी होगी। इससे किसी भी प्रकार की अनियमितता या शिकायत की जांच करना आसान होगा।

निदेशालय का मानना है कि वीडियोग्राफी से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और शिक्षकों, परीक्षकों व विद्यालय प्रबंधन की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। साथ ही, इससे विद्यार्थियों को भी यह भरोसा मिलेगा कि उनकी परीक्षाएं निष्पक्ष तरीके से आयोजित की जा रही हैं।

शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वाले विद्यालयों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई से लेकर मान्यता संबंधी कार्रवाई तक शामिल हो सकती है।

Share this story

Tags