
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी में छात्रों के संगठन स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने खिलाड़ियों की समस्याओं और अन्य मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन यूनिवर्सिटी प्रशासन की उदासीनता और खिलाड़ियों के लिए उचित सुविधाओं की कमी को लेकर था। एसएफआई के प्रतिनिधि मंडल ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और इन समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
एसएफआई के नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में खेलकूद सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब है, और खिलाड़ियों को अपने प्रशिक्षण के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। खिलाड़ियों के लिए न तो पर्याप्त खेल उपकरण हैं, न ही प्रशिक्षकों की व्यवस्था ठीक से की गई है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के खेल विभाग के कुछ कर्मचारियों पर भी अनियमितताओं और निष्क्रियता के आरोप लगाए गए हैं।
प्रतिनिधि मंडल ने कुलसचिव से मांग की कि विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं, जैसे कि खेल उपकरणों का उचित इंतजाम, प्रशिक्षण के लिए योग्य प्रशिक्षक की नियुक्ति, और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था। साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन खिलाड़ियों की समस्याओं को गंभीरता से ले और शीघ्र समाधान निकाले।
एसएफआई ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का समाधान सात दिन के अंदर नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। संगठन ने कहा कि छात्रों के हक के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं और जरूरत पड़ी तो विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और अन्य उग्र कदम उठाएंगे।
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में एसएफआई के सदस्य और छात्र-छात्राएं शामिल थे। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर पोस्टर और बैनर भी लगाए।
इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों की मांगों को स्वीकार करता है या आंदोलन को और उग्र होने से रोकने के लिए कोई कदम उठाता है।
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