राजस्थान में 'अरावली बचाओ' अभियान, वीडियो में देखें अलवर में अरावली बचाने के लिए सिर मुंडवाया, दौसा और अजमेर में विरोध-प्रदर्शन में तनाव
अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर कांग्रेस का ‘अरावली बचाओ’ अभियान राज्यभर में जोर पकड़ता जा रहा है। अलवर, दौसा और अजमेर से आज कई अहम घटनाओं की खबरें सामने आई हैं।
अलवर में एक युवक ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के लिए अपने सिर का बलिदान दिया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार युवक ने चेतावनी के तौर पर सिर मुंडवा कर अरावली के संरक्षण और खनन माफिया के खिलाफ विरोध जताया। इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस ने इसे जागरूकता फैलाने और पर्यावरण संरक्षण की गंभीरता को रेखांकित करने वाला कदम बताया।
वहीं, दौसा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डाक बंगले पर कब्जा करने की कोशिश की। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। कार्यकर्ताओं ने ताला तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकते हुए प्रदर्शन को नियंत्रित किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति बनी।
अजमेर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। ‘अरावली बचाओ’ अभियान के तहत शहर में पैदल मार्च निकालते हुए कार्यकर्ताओं ने अरावली के संरक्षण और खनन गतिविधियों के विरोध में नारों का प्रयोग किया। पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान कुछ कार्यकर्ता मामूली चोटें भी आई।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अरावली पर्वतमाला केवल राजस्थान की भौगोलिक धरोहर नहीं, बल्कि जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार खनन माफिया को बढ़ावा देकर अरावली को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राज्य और केंद्र सरकार ने संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
साथ ही, कांग्रेस ने जनता से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अरावली की सुरक्षा केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि प्रदेश के जल संरक्षण, रेगिस्तान विस्तार रोकने और मौसम संतुलन के लिए भी आवश्यक है।
अलवर, दौसा और अजमेर में हुई घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर जनता और राजनीतिक दलों में गहरी चिंता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए विशेष कदम उठाए हैं।
इस अभियान से सरकार पर दबाव बढ़ेगा और जनता में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। आगामी दिनों में ‘अरावली बचाओ’ अभियान राज्य के अन्य जिलों में भी सक्रिय रहेगा।

