Samachar Nama
×

Aspen Agenda 2025 में सचिन पायलट ने खोला ड्रैगन का कच्चा-चिट्ठा, वीडियो में भारत-अमेरिका के सम्बन्धों पर कही ये बड़ी बात 

Aspen Agenda 2025 में सचिन पायलट ने खोला ड्रैगन का कच्चा-चिट्ठा, वीडियो में भारत-अमेरिका के सम्बन्धों पर कही ये बड़ी बात 

अमेरिका के कोलोराडो के एस्पेन में आयोजित एजेंडा 2025 के तीसरे दिन 'भारत का भू-राजनीतिक क्षण?' सत्र में भारत-अमेरिका संबंधों पर विशेष चर्चा हुई। इस चर्चा में राजस्थान के युवा नेता सचिन पायलट भी शामिल हुए। मंच पर बोलते हुए उन्होंने चीन की मंशा को उजागर किया। उन्होंने अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर भी तीखी टिप्पणी की।

इस दौरान संचालक एडवर्ड लूज़ ने पूछा, 'क्या भारत को डर है कि अमेरिका कभी उसे छोड़ सकता है?' इस सवाल पर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने दो टूक कहा कि संबंध किसी डर पर नहीं, बल्कि आपसी हितों पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं इस 'छोड़ने के मुद्दे' से सहमत नहीं हूँ। कौन किसे छोड़ रहा है? भारत और अमेरिका दोनों अपने-अपने हितों के अनुसार काम कर रहे हैं। हमारे हित काफी हद तक एक जैसे हैं।'


अमेरिका-भारत को डेटा शेयरिंग बढ़ानी चाहिए
पायलट ने कहा कि चीन का मुकाबला करने के लिए एक सहयोगात्मक और अनुकूल माहौल की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत और अमेरिका को डेटा शेयरिंग, काउंटर इंटेलिजेंस और रीयल-टाइम सूचना साझाकरण बढ़ाना चाहिए ताकि दोनों देश अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

चीन के साथ सीमा विवाद तो है, लेकिन व्यापारिक संबंध भी ज़रूरी हैं
सचिन पायलट ने कहा कि 'चीन हमारा पड़ोसी है, सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सीमा पर गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन चीन के साथ संबंध पूरी तरह से ख़त्म नहीं किए जा सकते।' उन्होंने कहा कि चीन के संदर्भ में भारत को सबसे ज़्यादा फ़ायदा और नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि 'चीन हमें घेर रहा है, यह 'हज़ार ज़ख्मों से मौत' जैसा है। इससे भारत को ज़्यादा ख़तरा है, अमेरिका को नहीं। इसलिए भारत-अमेरिका संबंधों में किसी भी तरह के अलगाव या अलगाव के डर की बात नहीं होनी चाहिए। ज़रूरत सिर्फ़ बेहतर समन्वय और रचनात्मक सहयोग की है।' इस सत्र में इंडिया फ़ाउंडेशन के शौर्य डोभाल और स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के सुमित गांगुली भी मौजूद थे।

Share this story

Tags