
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। आम जनता के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसी कड़ी में गुरुवार रात बाड़मेर में सर्व समाज की ओर से एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
रात 8 बजे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शन गुरुवार रात करीब 8 बजे शहर के प्रमुख चौराहे से शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पुतला फूंका और "भारत माता की जय", "पाकिस्तान मुर्दाबाद", और "आतंकवाद का एक ही इलाज - सर्जिकल स्ट्राइक बार-बार" जैसे जोरदार नारे लगाए।
इस जुलूस में सभी वर्गों और समुदायों के लोगों की भागीदारी देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आतंक के खिलाफ पूरा समाज एकजुट है। मशालों की रोशनी में गूंजते नारों और गुस्से से भरे चेहरों ने माहौल को देशभक्ति और आक्रोश से भर दिया।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम
प्रदर्शन को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जाप्ता लगाया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पूरे जुलूस के दौरान पुलिस बल मुस्तैदी से मौजूद रहा और स्थिति पर नजर बनाए रखी।
प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवादी हमलों का कड़ा जवाब दिया जाए और पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं। उनका कहना था कि बार-बार हो रहे हमलों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं, और अब केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई की जरूरत है।
सामाजिक संगठनों की भागीदारी
इस जुलूस का आयोजन स्थानीय सर्व समाज के नेतृत्व में किया गया, जिसमें व्यापार मंडल, युवा संगठन, महिला मोर्चा, और पूर्व सैनिकों के समूहों ने भी भाग लिया। आयोजकों ने कहा कि यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि शहीदों के सम्मान में निकाला गया एक संदेश है — कि देश की जनता उनके साथ है और आतंक के खिलाफ एकजुट है।
देशभर में गूंज रहा विरोध
बाड़मेर ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी इस आतंकी हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली, जयपुर, भोपाल, लखनऊ सहित कई शहरों में लोगों ने मोमबत्ती मार्च, रैलियों और जनसभाओं के जरिए अपने गुस्से और दुःख को अभिव्यक्त किया है।