आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने बिजली कनेक्शन काटे जाने पर जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दी खुली चुनौती

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट आ गई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने निवास का बिजली कनेक्शन काटे जाने को लेकर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम उन्हें बदनाम करने और दबाव में लाने की कोशिश के तहत उठाया गया है।
हनुमान बेनीवाल ने एक तीखा बयान देते हुए कहा, "मैंने बेढ़म, जोगाराम और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ आरोप लगाए थे, इसी वजह से मेरे घर की बिजली काट दी गई। यह एक सोची-समझी साजिश है, ताकि मुझे बदनाम किया जा सके।"
सांसद यहीं नहीं रुके। उन्होंने सीएम को खुली चुनौती देते हुए कहा, "अगर मुख्यमंत्री भजनलाल में सच में दम है, तो मेरा एनकाउंटर करवा दीजिए, तब मैं मानूंगा कि उनमें ताकत है। या फिर किसी भी झूठे मामले में मुझे गिरफ्तार कर लीजिए। इस तरह की हल्की हरकतें करके कुछ हासिल नहीं होगा।"
बेनीवाल का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बयान का एक छोटा सा वीडियो क्लिप तेजी से लोगों के बीच फैल रहा है, जिसे लेकर समर्थक और विरोधी दोनों पक्षों में बहस तेज हो गई है।
गौरतलब है कि हनुमान बेनीवाल अपने तेज-तर्रार और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर राज्य सरकार की नीतियों और निर्णयों की आलोचना करते आए हैं। इस बार जब उनके घर की बिजली काटी गई तो उन्होंने इसे केवल प्रशासनिक कार्यवाही मानने से इनकार कर दिया और सीधे तौर पर इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
हालांकि अभी तक बिजली विभाग या राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला प्रशासनिक लापरवाही हो सकता है, वहीं बेनीवाल समर्थक इसे बदले की कार्रवाई मान रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह मामला आगे बढ़ा, तो यह राज्य सरकार और आरएलपी के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। खासकर उस समय में जब आने वाले कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं, ऐसे बयानों का असर प्रदेश की राजनीति पर गहरा हो सकता है।
फिलहाल, सभी की नजरें अब राज्य सरकार की ओर टिकी हैं कि वह हनुमान बेनीवाल के इस हमलावर बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है। वहीं, बेनीवाल के समर्थक इस मुद्दे को जन आंदोलन में बदलने की तैयारियों में जुट गए हैं।