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RBI ने रेपो रेट घटाया, लेकिन बैंक ने आपका लोन सस्ता नहीं किया? जानिए वजह और उपाय

RBI ने रेपो रेट घटाया, लेकिन बैंक ने आपका लोन सस्ता नहीं किया? जानिए वजह और उपाय

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट घटाकर 5.25% कर दिया है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट पर पड़ना चाहिए। हालाँकि, अक्सर देखा जाता है कि RBI की घोषणा के बाद भी, बैंक आपके लोन पर इंटरेस्ट रेट तुरंत कम नहीं करते हैं। ऐसा क्यों होता है, और आपको क्या करना चाहिए?

बैंक तुरंत इंटरेस्ट रेट क्यों नहीं कम करते हैं?

1. लोन का टाइप

अगर आपका लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो RBI के रेपो रेट में कटौती का उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह बदलाव सिर्फ़ फ्लोटिंग रेट लोन पर लागू होता है।

2. रीसेट पीरियड

फ्लोटिंग रेट लोन के साथ भी, बैंक हर महीने नहीं, बल्कि एक फिक्स्ड समय (जैसे हर 3 या 6 महीने) पर इंटरेस्ट रेट रीसेट करते हैं। इसलिए, बदलाव में समय लगता है।

3. बैंक का इंटरनल प्रोसेस

RBI की घोषणा के बाद, बैंक अपनी फंडिंग कॉस्ट और लिक्विडिटी की स्थिति का अंदाज़ा लगाते हैं। इससे रेट कट में देरी हो सकती है।

4. स्प्रेड और मार्जिन

बैंक रेपो रेट में अपना मार्जिन जोड़ते हैं। कभी-कभी, कटौती का असर कम करने के लिए बैंक मार्जिन बढ़ा देते हैं।

ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं?

1. लोन एग्रीमेंट चेक करें

सबसे पहले, अपना लोन एग्रीमेंट चेक करें और उसमें बताई गई रीसेट डेट और शर्तों को समझें।

2. बैंक में लिखित शिकायत दर्ज करें

अगर रीसेट डेट निकल गई है और रेट कम नहीं हुए हैं, तो बैंक में फॉर्मल शिकायत दर्ज करें।

3. RBI लोकपाल से संपर्क करें

अगर बैंक कार्रवाई नहीं करता है, तो RBI लोकपाल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

4. लोन ट्रांसफर करें

आप बैलेंस को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं जहां रेट कम हों। यह आखिरी उपाय हो सकता है।

फ्लोटिंग रेट और फिक्स्ड रेट लोन के बीच अंतर समझें
फिक्स्ड रेट लोन पर ब्याज दर पूरे लोन समय के दौरान एक जैसी रहती है। इसका मतलब है कि आपकी EMI शुरू से आखिर तक एक जैसी रहेगी। RBI चाहे रेपो रेट बढ़ाए या घटाए, इससे आपके लोन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो फिक्स्ड EMI चाहते हैं और भविष्य में ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं। लेकिन, इसका नुकसान यह है कि अगर मार्केट इंटरेस्ट रेट कम होता है, तो आपको कोई फ़ायदा नहीं मिलेगा।

फ्लोटिंग रेट लोन पर इंटरेस्ट रेट समय-समय पर ऊपर-नीचे होता रहता है। अगर RBI रेपो रेट कम करता है, तो आपकी EMI कम हो सकती है, और अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो आपकी EMI बढ़ जाएगी। यह ऑप्शन उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है जो लंबे समय में इंटरेस्ट रेट कम होने की उम्मीद करते हैं। हालाँकि, यह पक्का नहीं है, क्योंकि EMI कभी भी बढ़ सकती है।

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