Samachar Nama
×

अजमेर संभाग में बारिश का कहर: राहत बनी आफत, दरगाह में महाना छठी पर उमड़ा जनसैलाब भी हुआ प्रभावित

अजमेर संभाग में बारिश का कहर: राहत बनी आफत, दरगाह में महाना छठी पर उमड़ा जनसैलाब भी हुआ प्रभावित

राजस्थान के अजमेर संभाग में मानसून की बारिश ने मंगलवार से ही रौद्र रूप धारण कर लिया है। जहां एक ओर घने बादलों और ठंडी फुहारों ने लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं कुछ ही घंटों में यह राहत आफत में तब्दील हो गई। अजमेर शहर और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

कल (2 जुलाई) दोपहर बाद से संभाग के कई हिस्सों में घने बादल छा गए थे। दोपहर होते-होते मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जिसने कुछ ही समय में शहर की सूरत बदल दी। शहर की सड़कों पर पानी भर गया, छोटे नाले उफान पर आ गए और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई स्थानों पर पानी इतना भर गया कि वाहन रुक गए और लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी होने लगी।

नगर निगम की तैयारियां इस अचानक आई आफत के सामने पूरी तरह से विफल साबित हुईं। जल निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण कई इलाकों में घंटों तक पानी जमा रहा। लोगों को अपने घरों और दुकानों तक पहुंचने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।

बारिश के इस तांडव का असर धार्मिक आयोजनों पर भी पड़ा। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में बुधवार को महाना छठी का पवित्र अवसर था। इस मौके पर देशभर से करीब 40 हजार जायरीन अजमेर पहुंचे थे। दरगाह की गलियों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था, लेकिन दोपहर के बाद अचानक तेज बारिश ने पूरी व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया।

जायरीन बारिश से भीगते हुए गलियों और दरगाह परिसर में इधर-उधर भागते नजर आए। कई श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे फंस गए। दरगाह के आसपास की सड़कों और गलियों में भी जलभराव हो गया जिससे आने-जाने में काफी परेशानी हुई। प्रशासन की ओर से कुछ स्थानों पर अल्पकालिक राहत व्यवस्था जरूर की गई, लेकिन भारी बारिश के सामने वह भी नाकाफी साबित हुई।

स्थानीय निवासियों ने नगर निगम और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल बरसात में यही हाल होता है, लेकिन आज तक स्थायी समाधान नहीं निकाला गया।

वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटे तक और अधिक बारिश की संभावना जताई है। चेतावनी के तहत प्रशासन को सतर्क रहने और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

अजमेर संभाग में जहां एक ओर लोगों ने मानसून का स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर इसकी तीव्रता और प्रशासन की लचर व्यवस्था ने इस खुशी को मुसीबत में बदल दिया। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या नागरिकों को इस तरह की परेशानी से राहत मिलती है या नहीं।

Share this story

Tags