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राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर जालोर में 150 पक्के मकान तोड़ने पहुंचा प्रशासन,वायरल वीडियो में देखें वारदात का पूरा सच

राजस्थान हाई कोर्ट ने जालोर जिले के बाड़मेर रोड स्थित ओडवाडा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक पक्के मकान और करीब 160 कच्चे बाडे़ हटाने के आदेश दिए हैं. इस पर अमल करते हुए गुरुवार को जब जालोर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो वहां ग्रामीण विरोध पर उतर आए......
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! राजस्थान हाई कोर्ट ने जालोर जिले के बाड़मेर रोड स्थित ओडवाडा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक पक्के मकान और करीब 160 कच्चे बाडे़ हटाने के आदेश दिए हैं. इस पर अमल करते हुए गुरुवार को जब जालोर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो वहां ग्रामीण विरोध पर उतर आए. जबरदस्त हंगामे के बीच पुलिस की ग्रामीणों से झड़प भी हो गई, जिसमें कई महिलाएं बेहोश हो गईं. हालांकि पुलिसकर्मी नहीं रुके. उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए लाठीचार्ज किया और ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया.


कल अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जायेगी

7 मई को राजस्थान हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने का आदेश दिया था. अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज सुबह 7:00 बजे ओडवारा में पुलिस द्वारा कब्जा कर लिया गया। प्रशासन ने घरों से सामान हटाने के लिए कल तक का समय दिया है। शुक्रवार (17 मई) को प्रशासन फिर अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई करेगा.

कई महिलाएं रोती नजर आईं

पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है. मौके पर जेसीबी के माध्यम से मकान की बाउंड्री को तोड़ दिया गया है. कुछ घरों का बिजली कनेक्शन काट दिया गया. कई स्थानों पर मकानों की बाउंड्री कराई गई। उन्हें भी तोड़ा जा रहा है. कार्रवाई के दौरान कई महिलाएं रोती नजर आईं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी है.

चारागाह भूमि में 440 मकान पाए गए

ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित का कहना है। करीब 3 साल पहले गांव में रहने वाले मुकेश पुत्र मूल सिंह राजपुरोहित और महेंद्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपूत के बीच जमीन बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था. दोनों भाइयों के बीच का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया। जमीन की पैमाइश हुई तो 2022 और 2023 में करीब 440 मकान मिले, लेकिन कोर्ट के आदेश पर 150 से ज्यादा कच्चे मकान हटा दिए गए और गांव में बड़े पैमाने पर करीब 160 बड़े मकानों को चिन्हित किया गया.

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