ऑपरेशन सिंदूर में दिखा पुराने एयर डिफेंस सिस्टम ने उडाये होश, वीडियो में जानें ड्रोन डिस्ट्रायर ‘पिचौरा’, और समर का दिखा दम

भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ चार दिनों तक चले ऑपरेशन सिंदूर में जबरदस्त रणनीतिक ताकत और सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन की खास बात रही सेना द्वारा स्वदेशी हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम का प्रभावी और समन्वित इस्तेमाल, जिसने न केवल दुश्मन को करारा जवाब दिया बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमताओं को भी वैश्विक मंच पर मजबूती से पेश किया।
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह भारतीय सैन्य बलों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें थलसेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त भूमिका रही। सेना ने इस ऑपरेशन में आधुनिक स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों, आर्टिलरी सिस्टम, रडार और एयर डिफेंस इक्विपमेंट का समन्वित उपयोग कर पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों को निष्क्रिय किया।
स्वदेशी सिस्टम की भूमिका अहम
ऑपरेशन के दौरान ‘आकाश’ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, ‘पिनाका’ मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर, ‘स्मार्ट’ बम, और स्वदेशी निगरानी ड्रोन जैसे सिस्टम का बड़ी कुशलता से इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही सेना ने पुराने लेकिन भरोसेमंद रक्षा सिस्टम को भी बैकअप के रूप में सक्रिय रखा, ताकि हर परिदृश्य के लिए तैयार रहा जा सके।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस ऑपरेशन में आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) अभियान की सफलता साफ नजर आई। स्वदेशी रक्षा उपकरणों की मदद से सेना ने दुश्मन की हर हरकत पर सटीक जवाब दिया, जिससे सीमाई इलाकों में भारतीय प्रभुत्व और नियंत्रण और भी मजबूत हुआ।
चार दिनों तक चला टारगेटेड एक्शन
यह ऑपरेशन चार दिन तक चला, जिसमें भारत की ओर से किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई न करते हुए केवल जवाबी और रणनीतिक सैन्य अभियानों को अंजाम दिया गया। पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) के पास की गई हरकतों के जवाब में भारतीय सेना ने यह ऑपरेशन लॉन्च किया।
सेना के सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि ऑपरेशन के दौरान कई अहम आतंकी लॉन्चपैड्स और पाकिस्तानी रडार सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया है, जिससे भविष्य में घुसपैठ की संभावनाएं काफी हद तक कम हो जाएंगी।
राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश भी स्पष्ट
ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। साथ ही, यह भी दिखाया कि भारत अब विदेशी तकनीक पर पूरी तरह निर्भर नहीं, बल्कि स्वदेशी रक्षा प्रणाली से भी बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई को अंजाम दे सकता है।
सरकार की ओर से इस ऑपरेशन पर अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता और रणनीतिक परिपक्वता की दिशा में एक बड़ा कदम है।