कॉर्पोरेट इंडिया का नया हॉटस्पॉट, टियर 2 शहरों में बढ़ रही कंपनियों की धड़धड़ाहट, पिंक सिटी बन रहा पहली पसंद
दिल्ली, मुंबई और बेंगलूरु जैसे मेट्रो शहरों से दूर अब बड़ी कंपनियां तेजी से छोटे शहरों की तरफ रुख कर रही हैं। टियर 2 शहर हॉटस्पॉट बन गए हैं और इनमें इंदौर, लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहर प्रमुख हैं। हाल ही में जारी एक सर्वे रिपोर्ट में इस प्रवृत्ति का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो शहरों में रहने वाले लोग ट्रैफिक जाम, ऑफिस की भागदौड़ और महंगे किराए से परेशान हो चुके हैं। वहीं, टियर 2 शहरों में बेहतर जीवन-गुणवत्ता, कम रहन-सहन का खर्च और व्यावसायिक अवसरों के कारण कंपनियां इन शहरों की ओर आकर्षित हो रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इंदौर, लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ केवल घूमने और पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि कॅरियर बनाने के लिए भी नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में शिक्षा, आईटी, स्टार्टअप और सर्विस सेक्टर में तेजी से विकास हो रहा है। इस वजह से बड़ी कंपनियां अब इन्हें अपने विस्तार और निवेश के लिए प्राथमिकता दे रही हैं।
रिपोर्ट में यह भी उम्मीद जताई गई है कि आने वाले वर्ष में इन शहरों में नई कंपनियों के आगमन से रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। इससे स्थानीय युवाओं और पेशेवरों को अवसर मिलेंगे और मेट्रो शहरों की ओर पलायन भी कम होगा।
विशेष रूप से फ्लेक्स स्पेस की मांग इन शहरों में तेजी से बढ़ रही है। छोटे और मध्यम व्यवसाय, स्टार्टअप और दूरस्थ कर्मचारियों की बढ़ती संख्या के कारण ऑफिस स्पेस की जरूरत अधिक हो रही है। फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस का बढ़ता चलन यह साबित करता है कि कॉर्पोरेट इंडिया का अगला ठिकाना अब भारत के ये उभरते टियर 2 शहर हैं।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कंपनियों का यह रुझान न केवल शहरों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं और पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा। इसके साथ ही इन शहरों में रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवा क्षेत्रों का भी विकास होगा।
स्थानीय प्रशासन भी इस बदलाव के लिए तैयार है। टियर 2 शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, बिजली और डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रशासन का मानना है कि जब कंपनियों को सुविधाजनक वातावरण मिलेगा, तो वे इन शहरों में लंबी अवधि तक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगी।
टियर 2 शहर अब केवल सांस्कृतिक या शैक्षिक केंद्र नहीं रह गए हैं। ये शहर कॉर्पोरेट और व्यावसायिक दृष्टि से नई संभावनाओं के केंद्र बन गए हैं। आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति और तेज होगी और छोटे शहर भारत की आर्थिक तस्वीर में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस तरह, इंदौर, लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहर अब कॉर्पोरेट इंडिया के नए हॉटस्पॉट बन चुके हैं। मेट्रो शहरों से पलायन और कम लागत, बेहतर जीवन-गुणवत्ता और रोजगार के अवसर इन शहरों को कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए आकर्षक बना रहे हैं।

