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राजस्थान में झुलसती गर्मी के बीच राहत की खबर, वीडियो में जानें 14 जून से प्री-मानसून की दस्तक

राजस्थान में झुलसती गर्मी के बीच राहत की खबर, वीडियो में जानें 14 जून से प्री-मानसून की दस्तक

राजस्थान की तपती गर्मी से बेहाल लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। प्रदेश में अब जल्द ही प्री-मानसून बारिश का आगमन होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, 14 से 15 जून के बीच राज्य के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी। यह सिलसिला सबसे पहले कोटा और उदयपुर संभाग से शुरू होगा और धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य हिस्सों में फैल जाएगा।

कोटा-उदयपुर में सबसे पहले मिलेगी राहत

राज्य के दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में सबसे पहले मौसम करवट लेगा। कोटा और उदयपुर संभाग में 14 जून से ही बादल छाने और गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्री-मानसून एक्टिविटी धीरे-धीरे तेज होगी और 20 जून तक जयपुर, भरतपुर, अजमेर और आसपास के क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लेगी

तापमान में गिरावट की उम्मीद

गर्मी के तीखे तेवर से राहत पाने के लिए तरस रहे लोगों को इस बारिश के बाद कुछ राहत जरूर मिलेगी। राजस्थान के कई जिलों में पिछले एक सप्ताह से तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। लगातार लू और गर्म हवाओं ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर रखा है। ऐसे में बारिश की शुरुआत होते ही तापमान में 4-6 डिग्री तक गिरावट दर्ज की जा सकती है।

बिजली और धूलभरी हवाओं के साथ हो सकती है बारिश

मौसम विभाग ने यह भी संभावना जताई है कि शुरुआती प्री-मानसून बारिश के दौरान कहीं-कहीं तेज आंधी, बिजली चमकने और धूलभरी हवाएं भी देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, खासकर खेतों में काम कर रहे किसानों और खुले में यात्रा करने वालों को।

20 जून तक अधिकांश हिस्सों में फैल जाएगा मानसूनी असर

मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,

"14 जून से शुरू होने वाली प्री-मानसून वर्षा धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ेगी। 20 जून तक जयपुर, भरतपुर, धौलपुर, सीकर, अलवर और अन्य पूर्वी जिलों में भी बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी।"

किसानों को मिलेगी बड़ी राहत

इस समय खेतों की जुताई और बुवाई की तैयारी में लगे किसानों के लिए यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित होगी। समय पर प्री-मानसून बारिश होने से खरीफ की फसल की बुवाई में सहूलियत मिलेगी और जल स्तर भी सुधरेगा।

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