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'दस ईसाई बनाओ मासिक वेतन पाओ…' सिंदूर और बिंदी की जगह गले में क्रॉस! राजस्थान में सामने आया धर्मांतरण का चौंकाने वाला मामला

'दस ईसाई बनाओ मासिक वेतन पाओ…' सिंदूर और बिंदी की जगह गले में क्रॉस! राजस्थान में सामने आया धर्मांतरण का चौंकाने वाला मामला

राजस्थान के कई इलाकों में धर्मांतरण के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। उत्तरी राजस्थान के झुंझुनू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में सत्संग की आड़ में चंगाई सभाएं हो रही हैं। इन सभाओं में ग्रामीण हिंदू महिलाओं को बुलाया जाता है। कुछ ही महीनों में इन महिलाओं के माथे से बिंदी और सिंदूर तथा गले से मंगलसूत्र उतारकर उनकी जगह क्रॉस लगा दिया जाता है। वहीं, दक्षिणी राजस्थान में आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच धार्मिक सभाओं के साथ भोज का आयोजन किया जा रहा है। इन सभाओं में नियमित रूप से आने वालों को मकान बनाने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। बांसवाड़ा में ऐसे कई मामले दर्ज हुए।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग धर्मांतरण माफिया के निशाने पर
इससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य के उत्तरी जिलों में ग्रामीण हिंदू महिलाएं और दक्षिण में सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग धर्मांतरण माफिया के निशाने पर हैं। झुंझुनूं में मामला दर्ज करवाने वाले सुनील सिंह ने बताया कि महिलाओं को किसी महाराज का सत्संग बताकर चंगाई सभा में बुलाया जाता है। इसके बाद पूरे परिवार को लालच देकर बुलाया जाता है।

पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन के लिए दिए जाते हैं 3 से 8 लाख रुपए
इन परिवारों की ज्यादातर समस्याएं एक या दो लाख की मदद से हल हो जाती हैं। ये लोग इसी का फायदा उठाते हैं। सुनील ने आरोप लगाया कि पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन के लिए उनकी सामाजिक स्थिति के हिसाब से 3 से 8 लाख रुपए दिए जा रहे हैं।

दस को ईसाई बनाओ... महीनेवार वेतन पाओ
बांसवाड़ा के मोटा भाई शंकर भील ने बताया कि परतापुर गांव में भील समाज के एक व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए सभाओं में 1 लाख रुपए का लालच दिया जाता है। वहीं अगर 10 लोगों को ईसाई बना दिया जाता है तो उन्हें हर महीने राशन, कपड़े और महीनेवार वेतन का लालच दिया जाता है। मंच से हिंदुओं के देवी-देवताओं को गाली देना, लोगों को गुमराह कर बाइबिल, क्रॉस और कंगन देना आम बात है। शंकर ने जनवरी में गढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। कासरवाड़ी के एक मामले में भी ईसाई धर्म अपनाने के लिए 1 लाख रुपए का लालच दिया गया।

10 साल की कैद और जुर्माना

फरवरी 2025 से लागू हुए राजस्थान अवैध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार, किसी व्यक्ति को अपने धर्म परिवर्तन से 2 महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है और धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को एक महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है। कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माने और 10 साल तक की कैद का प्रावधान है।

ये मामले भी...
कोटा - एक कोचिंग छात्रा ने सुसाइड नोट में बताया कि उसे मुफ्त ट्यूशन के बदले चर्च जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
बांसवाड़ा - मेडिकल कैंप में लोगों को ईसाई धर्म अपनाने का लालच दिया गया।
जयपुर - सामोद में लोगों को सिलाई मशीन के बदले धार्मिक सभा में शामिल होने के लिए कहा गया। झालाना में पादरी ने बच्चों को मुफ्त किताबों के बदले ईसाई धर्म अपनाने का लालच दिया।
हनुमानगढ़ - धार्मिक सभा में लोगों को ईसाई प्रार्थना में भाग लेने पर ही भोजन और कपड़े लेने की शर्त रखी गई।

मध्य प्रदेश: 2021 से 24 के बीच 216 मामले दर्ज: मध्य प्रदेश में 2021 से 2024 के बीच धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के 216 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 329 लोगों को आरोपी बनाया गया। राज्य में धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत बलपूर्वक, लालच देकर, छल करके, लालच देकर शादी के जरिए धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं, स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने से 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

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