ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भूमि सर्वे और चिन्हीकरण कार्य शुरू
ब्यावर से भरतपुर तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए प्रशासन ने भूमि अवाप्ति से पहले सर्वे और चिन्हीकरण का कार्य शुरू कर दिया है। यह परियोजना राजस्थान और पड़ोसी प्रदेशों के बीच सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के साथ-साथ आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रेलवे और राज्य सड़क परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भूमि सर्वे और चिन्हीकरण के दौरान मार्ग के किनारे आने वाले गांवों और निजी संपत्तियों की पहचान की जाएगी। इसके लिए सर्वे टीमों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य भविष्य में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए किया जा रहा है।
ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस मार्ग पर बनने वाला एक्सप्रेस-वे यातायात की दूरी और समय दोनों को कम करेगा और क्षेत्र के औद्योगिक, कृषि और पर्यटन विकास को भी बढ़ावा देगा।
भूमि सर्वे के दौरान, स्थानीय निवासियों और किसानों से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सर्वे कार्य सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से किया जाए और किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सर्वे और चिन्हीकरण का यह चरण लगभग कुछ महीनों तक जारी रहेगा, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की शुरुआत की जाएगी। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद ब्यावर और भरतपुर के बीच यात्रा का समय महत्त्वपूर्ण रूप से घटेगा, जिससे व्यापार और पर्यटन को भी लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार ने कहा है कि यह परियोजना आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और बेहतर सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे से राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच माल और यात्री परिवहन में गति आएगी और दोनों राज्यों के विकास में सकारात्मक बदलाव आएगा।
इस परियोजना की प्रगति पर राज्य सरकार और संबंधित विभागों की निगरानी लगातार बनी रहेगी। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से सहयोग करने की अपील की है ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके और क्षेत्र का विकास गति पकड़ सके।

