
निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर आज सुबह से ही सीकर के प्रख्यात खाटूश्याम मंदिर में भक्तों का तांता लग गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, पूरे दिन में यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचेगे। तेज गर्मी और धूप के बावजूद भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत लाइन में लगे हुए हैं, जिससे मंदिर परिसर श्रद्धा की अद्भुत छटा से झिलमिला रहा है।
निर्जला एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की एक महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है, जिसमें निर्जल (जल नहीं पीने का) व्रत रखा जाता है। इस दिन की विशेषता और धार्मिक महत्ता के कारण देशभर से बड़ी संख्या में भक्त खाटूश्याम मंदिर पहुंचते हैं। सीकर के खाटूश्याम मंदिर में श्रद्धालु भगवान श्याम के दर्शन कर मनोवांछित फल पाने की कामना करते हैं।
मंदिर प्रशासन ने दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ-साथ भीड़ नियंत्रण के लिए कई गाइडलाइन जारी की गई हैं ताकि भक्तों को बिना किसी परेशानी के दर्शन की सुविधा मिल सके। मंदिर परिसर में बार-बार जल वितरण के इंतजाम किए गए हैं ताकि भक्तों को गर्मी से राहत मिल सके।
स्थानीय लोगों और भक्तों ने बताया कि सुबह से ही मंदिर के गेट पर भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है, जो मंदिर की महिमा का परिचायक है। कई श्रद्धालु अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए भूखे-प्यासे निर्जला व्रत रखते हुए भी धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस अवसर पर मंदिर के पुजारियों ने विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया है, जिसमें भक्तगण भाग लेकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं। मंदिर के प्रमुख ने कहा, "निर्जला एकादशी का व्रत श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम है। हमारे यहां हर साल भारी भीड़ इस व्रत के प्रति लोगों की गहरी आस्था को दर्शाती है।"
गर्मी के बावजूद भक्तों की भक्ति और उत्साह देखकर यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक परंपराएं और आस्था समाज के हर संकट को पार करने का मार्ग दिखाती हैं। खाटूश्याम मंदिर में आज का दिन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी उत्सव है।