लाडो प्रोत्साहन योजना का विस्तार, सरकारी और निजी स्कूलों में बेटियों की पढ़ाई पर अब मिलेगा लाभ
राज्य सरकार की लाडो प्रोत्साहन योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब इस योजना का लाभ न केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाली बेटियों को मिलेगा, बल्कि सरकारी अस्पतालों में जन्मी बेटियों को निजी स्कूलों में शिक्षा लेने पर भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह कदम बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने और परिवारों में लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बेटियों को सात किस्तों में कुल 1.50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। योजना का उद्देश्य बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। राज्य सरकार ने बताया कि अब निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाली बेटियों के परिवार भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत सहायता राशि को किश्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त जन्म के समय और बाकी की किश्तें शिक्षा की विभिन्न स्तरों पर दी जाएंगी। इससे न केवल शिक्षा की लागत कम होगी, बल्कि परिवारों में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनकी बेटियों का जन्म सरकारी अस्पतालों में हुआ हो। योजना का यह विस्तार शिक्षा के समान अवसर सुनिश्चित करने और परिवारों को बेटियों की शिक्षा में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की योजनाएं सामाजिक बदलाव लाने में मदद करती हैं। लंबे समय में इससे बेटियों की शिक्षा और करियर के अवसर बढ़ेंगे और समाज में लिंग असमानता को कम करने में भी मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग ने बताया कि सरकारी और निजी स्कूलों दोनों में योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। निजी स्कूलों को भी इस योजना के तहत शामिल करने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं। स्कूल प्रशासन को इस संबंध में आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा ताकि योजना का लाभ समय पर प्राप्त हो सके।
पिछले वर्षों में लाडो प्रोत्साहन योजना ने बेटियों के जन्म पर परिवारों में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद की है। अब योजना के विस्तार से यह प्रभाव और बढ़ेगा और सरकारी अस्पतालों में जन्मी बेटियों के परिवार शिक्षा के क्षेत्र में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण और राशि वितरण की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से भी आसान बनाने की योजना बनाई है। इसके माध्यम से परिवार सीधे अपने बैंक खाते में किश्तों की राशि प्राप्त कर सकेंगे और योजना का लाभ सुनिश्चित कर सकेंगे।
इस बदलाव से राज्य के सभी परिवारों में बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और शिक्षा क्षेत्र में सरकारी और निजी दोनों तरह के संसाधनों का समुचित उपयोग होगा।

