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जयपुर के संत महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर हुए धोखे का​ शिकार, पूजा के नाम पर ठगो ने ऐठें लाखों रूपए, देखें वायरल वीडियो में पूरा मामला

जयपुर के संत महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर को धोखा दे ठगे गए रुपए । उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी के खिलाफ अखाड़े के ही जयपुर निवासी महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने शुक्रवार को उज्जैन के महाकाल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.......
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! जयपुर के संत महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर को धोखा दे ठगे गए रुपए । उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी के खिलाफ अखाड़े के ही जयपुर निवासी महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने शुक्रवार को उज्जैन के महाकाल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। इससे पहले उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज से शिकायत की थी। उन्होंने कहा की मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे। ये राशि पिछले सात महीनों में अलग-अलग किस्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी। मंदाकिनी पर धोखाधड़ी का यह दूसरा केस है।

पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पर लगे गंभीर आरोप

महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने कहा कि मंदाकिनी ने आचार्य को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपये ले लिए। यह रकम पिछले 7 महीने में अलग-अलग किश्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. जयपुर निवासी निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर शुक्रवार दोपहर उज्जैन पहुंचे। उन्होंने इसकी शिकायत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी से की. उनका कहना है कि 31 मार्च 2023 को उन्हें उज्जैन के आश्रम स्थित नागचंद्रेश्वर धाम में महामंडलेश्वर की उपाधि मिली थी. उस दौरान करीब ढाई लाख रुपये खर्च हुए थे. इसमें टेंट, खाने-पीने की जानकारी दी गई।

इस पूरे मामले में निरंजनी अखाड़े के महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ​​ममता जोशी ने उन्हें श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने का झांसा दिया था. इसके एवज में मंदाकिनी को 15 अप्रैल 2024 को साढ़े सात लाख रुपये भी दिये गये.

उज्जैन के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने कहा कि महामंडलेश्वर की उपाधि मिलने के कुछ दिन बाद मंदाकिनी ने मुझे फोन पर आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का प्रलोभन दिया. बताया कि अखाड़े में प्रचार-प्रसार किया जायेगा. इसकी कीमत करीब 10 से 12 लाख रुपये होगी. मैंने उन्हें बताया कि मैं एक निजी स्कूल में शिक्षक बन गया हूं। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं. उसने कहा कि जब वे आएं तो रुपये भेज देना। ऐसा करते हुए मैंने पिछले 7 महीने में मंदाकिनी के अकाउंट में 8 लाख 90 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इस दौरान मंदाकिनी ने दूसरे अकाउंट नंबर भी दिए, लेकिन मैंने ट्रांसफर करने से मना कर दिया। कभी 50, कभी 20 हजार और करीब 40 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये.

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