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जयपुर के प्रकाशचंद जोशी का माली में आतंकियों द्वारा अपहरण, परिजनों ने पीएम मोदी से लगाई भावुक गुहार

जयपुर के प्रकाशचंद जोशी का माली में आतंकियों द्वारा अपहरण, परिजनों ने पीएम मोदी से लगाई भावुक गुहार

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक खबर सामने आई है। वैशाली नगर निवासी 61 वर्षीय प्रकाशचंद जोशी का पश्चिम अफ्रीकी देश माली में आतंकियों द्वारा अपहरण कर लिया गया है। इस खबर से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

प्रकाशचंद जोशी एक निजी कंपनी के माध्यम से माली में कार्यरत थे। जानकारी के अनुसार, बीते कुछ दिनों से वे अपने काम के सिलसिले में एक दूरस्थ इलाके में गए थे, जहां आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया। यह खबर जैसे ही जयपुर में उनके परिवार तक पहुंची, घर में कोहराम मच गया।

उनकी पत्नी सुमन जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भावुक अपील करते हुए कहा, "मोदी जी, वापस ले आओ मेरा सुहाग... बस अब आप ही हमारी आखिरी उम्मीद हैं।" सुमन जोशी ने रोते हुए मीडिया से कहा कि उनके पति कभी देश के बाहर काम करने नहीं जाना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक ज़रूरतों के चलते उन्हें मजबूरी में नौकरी के लिए विदेश जाना पड़ा।

परिवार के मुताबिक, प्रकाशचंद माली में बीते कई सालों से काम कर रहे थे, लेकिन इस बार वे जिस क्षेत्र में गए थे, वह आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। वहां से अचानक संपर्क टूट गया, जिसके बाद कंपनी ने उनके अपहरण की सूचना दी।

इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है। बेटा-बेटी और नाती-पोतों से घिरे इस परिवार की उम्मीदें अब सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत सरकार की कूटनीतिक पहल पर टिकी हैं। परिजनों ने विदेश मंत्रालय से भी संपर्क साधा है और यथाशीघ्र कार्रवाई की मांग की है।

जयपुरवासियों और मोहल्ले के लोगों ने भी सरकार से मांग की है कि प्रकाशचंद को जल्द से जल्द सकुशल भारत वापस लाया जाए। लोगों ने कहा कि एक आम भारतीय नागरिक, जो मेहनत के लिए विदेश गया था, उसकी सुरक्षा और वापसी की जिम्मेदारी भारत सरकार की है।

इस पूरे मामले को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, भारतीय दूतावास और सुरक्षा एजेंसियां माली में सक्रिय हो चुकी हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जोशी को छुड़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

यह घटना न केवल प्रकाशचंद जोशी के परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए चिंतन का विषय है कि कैसे विदेशी भूमि पर काम कर रहे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय पर हैं, कि वे इस संकट का समाधान कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से करते हैं।

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