जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर की विदेश यात्रा विवादों में, वीडियो में जाने बिना अनुमति यात्रा पर उठे सवाल

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई हैं। इस बार मामला उनके हाल ही में किए गए विदेश दौरे को लेकर है। डॉ. गुर्जर ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स एसोसिएशन ऑफ सिटीज की जनरल असेंबली में हिस्सा लिया और भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन इस आधिकारिक यात्रा के लिए राज्य सरकार से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई, जिससे यह दौरा राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
बिना अनुमति के विदेश दौरा
जानकारी के अनुसार, मेयर सौम्या गुर्जर ने ब्रिक्स सिटीज असेंबली में भाग लेने के लिए ब्राजील की यात्रा की थी। यह सम्मेलन वैश्विक शहरी मुद्दों और सहयोग पर केंद्रित था, जिसमें विभिन्न देशों के शहरों के प्रतिनिधि शामिल हुए। हालांकि, किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधि या सरकारी पदाधिकारी को विदेश दौरे पर जाने से पहले राज्य सरकार या संबंधित विभाग से विधिवत अनुमति लेना आवश्यक होता है, जो इस मामले में नहीं लिया गया।
नियमों की अनदेखी?
सरकारी प्रक्रियाओं और नियमों के तहत, किसी भी नगर निगम के मेयर या अधिकारी को विदेश दौरे से पहले न सिर्फ राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होती है, बल्कि दौरे की प्रकृति, उद्देश्य और खर्च का ब्यौरा भी देना होता है। सूत्रों के अनुसार, न तो जयपुर नगर निगम ग्रेटर के किसी बोर्ड मीटिंग में इस दौरे को अनुमोदित किया गया था और न ही राज्य सरकार से कोई लिखित अनुमति प्राप्त की गई थी। इस वजह से अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह दौरा निजी था, और यदि नहीं, तो सरकारी नियमों की अनदेखी क्यों की गई?
विपक्ष का निशाना
इस घटनाक्रम पर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी पार्षदों और राजनीतिक दलों ने मेयर पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि दौरा आधिकारिक था, तो इसकी अनुमति क्यों नहीं ली गई, और यदि यह निजी दौरा था, तो भारत का प्रतिनिधित्व करने का दावा क्यों किया गया?
मेयर की सफाई का इंतजार
डॉ. सौम्या गुर्जर की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन नगर निगम के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मेयर इस दौरे को शहरी विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानती हैं। अब देखना यह होगा कि वे इस पूरे विवाद पर क्या सफाई देती हैं और राज्य सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
प्रशासन की चुप्पी
इस मुद्दे पर अब तक राज्य सरकार या नगर विकास विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने में इस दौरे को लेकर फाइलों की जांच शुरू हो गई है। यदि नियमों का उल्लंघन साबित होता है, तो कार्रवाई भी संभव है।