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बाड़मेर को साफ-सुथरा बनाने की पहल: कलेक्टर टीना डाबी खुद उतरीं सड़क पर झाड़ू लेकर

बाड़मेर को साफ-सुथरा बनाने की पहल: कलेक्टर टीना डाबी खुद उतरीं सड़क पर झाड़ू लेकर

राजस्थान के बाड़मेर शहर में स्वच्छता को लेकर एक नई पहल की शुरुआत की गई है। 'नवो बाड़मेर अभियान' नाम से शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य शहर को साफ-सुंदर और स्वच्छ बनाना है। शहर की सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत इतनी खराब है कि इसे सुधारने के लिए खुद जिला कलेक्टर टीना डाबी को झाड़ू उठाकर सड़क पर उतरना पड़ा।

शनिवार, 7 जून को जिले में एक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। यह अभियान अलसुबह ही शुरू हो गया, जिसमें नगर परिषद, प्रशासनिक अधिकारियों, सफाईकर्मियों के साथ आम जनता ने भी हिस्सा लिया। इस पहल के केंद्र में रहीं बाड़मेर की कलेक्टर और चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी, जो स्वयं झाड़ू लेकर शहर की सड़कों पर सफाई करती नजर आईं।

टीना डाबी ने अभियान की शुरुआत चौहटन चौराहा से की और वहां से विवेकानंद सर्किल तक सफाई कार्य का निरीक्षण करते हुए अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने खुद हाथ में झाड़ू लेकर सड़क की सफाई की और अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी इस कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

कलेक्टर टीना डाबी ने इस दौरान साफ-सफाई को लेकर आमजन से संवाद भी किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घर, दुकान और मोहल्लों की सफाई का खुद जिम्मा लें और कूड़ा-कचरा इधर-उधर न फैलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन सिर्फ आदेश देकर नहीं, बल्कि उदाहरण बनाकर काम करेगा। स्वच्छता सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

‘नवो बाड़मेर अभियान’ क्या है?

‘नवो बाड़मेर अभियान’ का मकसद न सिर्फ शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारना है, बल्कि नागरिकों में जागरूकता भी पैदा करना है। यह अभियान एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है जिसमें शहर को कचरा मुक्त, सुंदर और हरा-भरा बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत नालियों की सफाई, कचरा निस्तारण की व्यवस्था, डोर-टू-डोर कलेक्शन और नागरिकों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी।

साफ-सफाई को लेकर प्रशासन की सख्ती

इस अभियान के तहत सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि निगरानी भी बढ़ाई जा रही है। टीना डाबी ने नगर परिषद को निर्देश दिए हैं कि लापरवाही बरतने वाले सफाईकर्मियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, शहरवासियों से भी आग्रह किया गया है कि खुले में कचरा फेंकने पर जुर्माने की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

जन सहयोग से ही बनेगा बदलाव

कलेक्टर के इस कदम को सोशल मीडिया पर भी काफी सराहा जा रहा है। लोग इसे प्रेरणादायक बता रहे हैं और मान रहे हैं कि जब एक आईएएस अधिकारी खुद सफाई में हाथ बंटा सकता है, तो आम नागरिक क्यों नहीं?

‘नवो बाड़मेर अभियान’ एक संदेश है कि बदलाव ऊपर से नहीं, बल्कि साथ मिलकर लाया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि यह पहल सिर्फ अभियान तक सीमित न रहकर शहर की आदत और संस्कृति में बदल जाएगी।

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