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सावन में भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में फैसलों की बौछार, वीडियो में देखे कर्मचारियों और आमजन में दौड़ी खुशियों की लहर 

सावन में भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में फैसलों की बौछार, कर्मचारियों और आमजन को बड़ी राहत

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने सावन के पावन महीने में आयोजित कैबिनेट बैठक में आमजन और सरकारी कर्मचारियों के हित में कई बड़े फैसले लेकर सभी को चौंका दिया। सोमवार को हुई इस बैठक में प्रोमोशन से लेकर रोजगार और गैस आपूर्ति तक अनेक अहम मुद्दों पर सहमति दी गई। इन निर्णयों का प्रभाव राज्य के लाखों लोगों पर पड़ेगा।

कैबिनेट बैठक की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक रही प्रमोशन के लिए अनुभव में दो साल की छूट। अब सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए जरूरी सेवा अनुभव में दो साल की राहत दी जाएगी, जिससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और पदोन्नति की राह आसान होगी। सरकार का यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

इसके साथ ही, प्रक्रियाधीन भर्तियों में 100 फीसदी पदों की संख्या बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया है। यानी अब उन भर्तियों में जिनकी प्रक्रिया पहले से चल रही है, सरकार जरूरत के अनुसार रिक्तियों की संख्या दोगुनी कर सकेगी। इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर मिलेंगे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है।

बैठक में आमजन से जुड़ा एक और बड़ा फैसला यह रहा कि गांवों और कस्बों में पाइपलाइन के ज़रिए गैस सप्लाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि एलपीजी सिलेंडर की निर्भरता को कम कर पाइप गैस नेटवर्क को ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार दिया जाए। इससे रसोई गैस सस्ती, सुरक्षित और लगातार उपलब्ध हो सकेगी।

कैबिनेट में लिए गए अन्य फैसलों में नगरीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और स्कूलों में संसाधनों की गुणवत्ता बढ़ाने जैसे निर्णय भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के बाद कहा कि,
"हमारी सरकार जनसरोकारों की सरकार है। हम हर वर्ग के हित में फैसले ले रहे हैं, ताकि राजस्थान के विकास में कोई रुकावट न आए।"

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कैबिनेट बैठक आगामी निकाय और पंचायत चुनावों की दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। इन फैसलों के ज़रिए सरकार ने कर्मचारियों, बेरोजगारों और ग्रामीण जनता को साधने की रणनीति अपनाई है।

अब देखना यह होगा कि इन फैसलों को जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जाता है और जनता को वास्तविक लाभ कब तक मिलना शुरू होता है। फिलहाल, भजनलाल सरकार के इन निर्णयों से राज्य में सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

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