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'3 दिन में फाइल कैसे क्लियर हो गई...' सरिस्का विवाद में SC ने लगाई फटकार, राजस्थान सरकार से मांगा जवाब

'3 दिन में फाइल कैसे क्लियर हो गई...' सरिस्का विवाद में SC ने लगाई फटकार, राजस्थान सरकार से मांगा जवाब

राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के सीमांकन में छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट (एससी) की सख्त टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने खान और होटल माफिया को फायदा पहुँचाने के लिए यह साजिश रची है।

संसद में उठाया जाएगा मुद्दा

जितेंद्र सिंह ने सवाल उठाया कि कैसे तीन दिन के अंदर राज्य वन्यजीव बोर्ड से प्रस्ताव पारित होकर राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) तक पहुँच गया और वहाँ से भी उसे मंजूरी मिल गई? क्या सरकारी प्रक्रियाएँ सिर्फ़ दिखावे के लिए हैं? उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा लोकसभा, राजस्थान विधानसभा और राज्यसभा में ज़ोरदार तरीके से उठाया जाएगा और कांग्रेस पार्टी आधिकारिक तौर पर इसकी सीबीआई जाँच की माँग करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे। अदालत ने कहा, 'क्या आप लोगों ने कानून को डाक का डिब्बा बना दिया है? पूरी फाइल तीन दिन में कैसे क्लियर हो गई?' अदालत ने चेतावनी दी कि अगर जवाब सही नहीं हुआ तो राज्य के मुख्य सचिव को तलब किया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इतनी जल्दबाज़ी क़ानून के ख़िलाफ़ है और जनता की आपत्तियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

वन प्रेमी ख़ुश

सरिस्का क्षेत्र में लंबे समय से सीमांकन परिवर्तन का विरोध कर रहे पर्यावरणविद् राजेश कृष्ण सिद्ध और पूर्व वन्यजीव संरक्षक व याचिकाकर्ता नरेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को वन्यजीवों की जीत बताया है। उनका कहना है कि बाघों के आवास को बचाने में यह एक बड़ी क़ानूनी सफलता है।

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