राजस्थान में भारी बारिश से जनजीवन बेहाल, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, बस्तियां जलमग्न

राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपा दिया है। बीते 24 घंटों में राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कहीं तेज बारिश के कारण सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं, तो कहीं घरों के अंदर तक पानी घुस गया। हालात इतने बिगड़ गए कि लोगों का घरेलू सामान पानी में तैरता नजर आया।
राजधानी जयपुर सहित कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, अजमेर और जालोर जैसे जिलों में मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई निचले इलाकों में बस्तियां जलमग्न हो गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
घरों में घुसा पानी, बस्तियां डूबीं
तेज बारिश के कारण जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है। कई रिहायशी कॉलोनियों में घरों में कमर तक पानी भर गया। लोगों को जरूरी सामान, बर्तन, बिस्तर तक पानी में बहते हुए देखे गए। कई जगहों पर लोगों को प्लास्टिक की नावों या ट्रैक्टरों की मदद से बाहर निकाला गया।
सड़कें बनीं नदी, यातायात प्रभावित
बारिश का पानी सड़कों पर इस कदर भर गया कि वे नदियों जैसी बहने लगीं। वाहनों की आवाजाही ठप हो गई और कई जगह दोपहिया वाहन बहते नजर आए। स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं और प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है।
बिजली और संचार व्यवस्था पर असर
जलभराव के चलते बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। कई इलाकों में ट्रांसफॉर्मर डूब जाने के कारण बिजली गुल है। साथ ही, इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क में भी बाधा आई है।
प्रशासन अलर्ट, बचाव दल तैनात
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में SDRF, NDRF और सिविल डिफेंस की टीमें तैनात की हैं। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। भोजन, दवाई और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। जिला कलेक्टरों को आपात बैठकें लेकर हालात की समीक्षा करने को कहा गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। खासकर दक्षिण-पूर्व राजस्थान के जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। विभाग ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा न करने की अपील की है।
राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक हालात पर काबू पाता है और लोगों को इस मुसीबत से राहत दिला पाता है।