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भारी बारिश से राजस्थान में जनजीवन प्रभावित, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात

भारी बारिश से राजस्थान में जनजीवन प्रभावित, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं और शहरों व गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तो हालात बाढ़ जैसे हो चुके हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में बारिश का कहर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ जैसे जिलों में तेज बारिश के चलते कई स्थानों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है और कई जगहों पर लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।

मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटे तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा और कुछ इलाकों में अति भारी वर्षा की संभावना है। इसके साथ ही लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

बारिश के कारण सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई प्रमुख सड़कों पर पानी भर जाने के कारण बसों और निजी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। रेलवे ट्रैकों पर भी जलभराव की खबरें आ रही हैं, जिससे रेल सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा है और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।

कोटा जिले के कुछ गांवों में निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को घरों की छत पर शरण लेनी पड़ी है। वहीं, कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। जलदाय विभाग और नगर पालिकाओं को अतिरिक्त पंपिंग मशीनें लगाकर पानी निकालने के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्थान सरकार ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्कूलों को एहतियातन बंद रखने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टरों को राहत शिविर बनाने, आवश्यक दवाइयों और खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

राज्य के गृह विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए जरूरत पड़ने पर सेना और NDRF की मदद भी ली जा सकती है।

राजस्थान में मानसून की यह मार एक बार फिर यह साबित कर रही है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का मिजाज किस तरह से तेजी से बदल रहा है। सरकार के लिए यह समय तत्काल राहत के साथ दीर्घकालिक समाधान की योजना बनाने का भी है।

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