
राजस्थान में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। मंगलवार को जयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग के कई जिलों में झमाझम बारिश दर्ज की गई। करौली, दौसा, भरतपुर और अलवर में लगभग 2 इंच तक बारिश हुई, जिससे सड़कों पर जलभराव और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
अलवर में हालात इतने बिगड़ गए कि कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
अलवर में बाढ़ जैसे हालात
मंगलवार को अलवर में हुई तेज बारिश के चलते:
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निचले इलाकों में जलभराव
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सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें
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कई दुकानों और घरों में पानी भर गया
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नदी-नालों में उफान, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क टूट गया
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं और संवेदनशील इलाकों पर पुलिस और सिविल डिफेंस की निगरानी जारी है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग, जयपुर केंद्र ने आगामी 24 घंटों के लिए राज्य के दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।
ऑरेंज अलर्ट (भारी बारिश की चेतावनी) – बुधवार को इन जिलों में:
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बूंदी
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कोटा
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बारां
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झालावाड़
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चित्तौड़गढ़
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भीलवाड़ा
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प्रतापगढ़
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डूंगरपुर
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बांसवाड़ा
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उदयपुर
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राजसमंद
इन क्षेत्रों में 40 से 80 मिमी या उससे अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की भी आशंका है।
येलो अलर्ट (सावधानी की जरूरत) – शेष जिलों में:
राज्य के अन्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना के साथ येलो अलर्ट जारी किया गया है।
जयपुर और कोटा में भी बरसात से राहत और परेशानी
जयपुर और कोटा में मंगलवार दोपहर के बाद हुई तेज बारिश ने लोगों को भीषण गर्मी और उमस से राहत तो दी, लेकिन जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी सामने आईं।
कोटा के कुछ इलाकों में नालों की सफाई नहीं होने से घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे व्यापारियों को नुकसान हुआ।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन सतर्क
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे:
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रात भर आपदा प्रबंधन की निगरानी रखें
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बाढ़ संभावित इलाकों में टीमों को एक्टिव मोड पर रखें
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किसी भी आपात स्थिति में राहत शिविर, मेडिकल और भोजन की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें