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सचिन पायलट के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री ने किया पलटवार, कही ये बाते, वायरल फुटेज में देखें पूरा बयान

लोकसभा चुनावों के दौरान पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की सीट पर प्रचार करने नहीं जाने के मुद्दे पर अब खींचतान शुरू हो गई है। सचिन पायलट ने कहा था कि उन्हें जालोर प्रचार के लिए बुलाया नहीं........
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! लोकसभा चुनावों के दौरान पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की सीट पर प्रचार करने नहीं जाने के मुद्दे पर अब खींचतान शुरू हो गई है। सचिन पायलट ने कहा था कि उन्हें जालोर प्रचार के लिए बुलाया नहीं। अब अशोक गहलोत ने पायलट के बयान को बेवकूफी से जोड़ते हुए हमला बोला है। वैभव गहलोत का प्रचार करने के लिए नहीं बुलाने के सचिन पायलट के बयान पर अमेठी में एक इंटरव्यू के दौरान गहलोत ने कहा की यह अनावश्यक मुद्दा बनता है या कई बार बनाया जाता है। चुनाव के वक्त किसी को ऐसे कमेंट नहीं करने चाहिए। ऐसी बेवकूफी भी नहीं करनी चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया या मैं गया नहीं। इसका ऐसा कोई मतलब नहीं होता है और वो बयान भी नहीं देना चाहिए था। 

 

अमेठी में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि चुनाव में अक्सर ऐसी चीजों को मुद्दा बनाया जाता है, लेकिन ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए. कई बार चुनाव में यह अनावश्यक मुद्दा बनाया जाता है, लेकिन किसी को इतना मूर्ख नहीं बनना चाहिए कि मुझे नहीं बुलाया गया.' सचिन पायलट को ये बयान नहीं देना चाहिए था, इसकी कोई जरूरत नहीं थी. जिसमें उन्होंने कहा कि जालोर सिरोही चुनाव प्रचार के लिए मुझे नहीं बुलाया गया. कई बार ऐसा होता है, समय नहीं मिल पाता. हालांकि जब प्रियंका गांधी प्रचार करने आईं तो सचिन पायलट भी साथ आए, उनका भी स्वागत था, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस तरह का बयान देना सही है.

अशोक गहलोत ने आगे कहा कि 'मैं जयपुर ग्रामीण में अनिल चोपड़ा के चुनाव प्रचार में नहीं जा पाया. मेरे ओएसडी ने उनसे बात की थी, लेकिन समय तय नहीं हो सका। अगर मैं इस मुद्दे पर बयान देता हूं और कहता हूं कि मैं चोपड़ा के पास जाना चाहता था, लेकिन मुझे फीडबैक नहीं मिला, तो यह ठीक नहीं होगा। चुनाव के समय इस तरह के बयान से उम्मीदवार को नुकसान होता है. हर उम्मीदवार जीतने के लिए चुनाव लड़ता है। वहां क्या हालात हैं, किस नेता की जरूरत है, उसके हिसाब से पार्टी कंट्रोल रूम से मांग की जाती है, लेकिन चुनाव के बीच इस तरह के बयान प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे बचना चाहिए.

लोकसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू भी दिया था. इस इंटरव्यू से पायलट ने कांग्रेस की राजनीति में हलचल मचा दी. उन्होंने 25 सितंबर 2022 की राजनीतिक घटना का जिक्र करते हुए इशारों-इशारों में गहलोत को घेरने की कोशिश की. इस बीच, गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर भी बयान दिया है. इसके बाद एक बार फिर राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है. इधर, पायलट और गहलोत के बीच एक बार फिर सियासी जंग छिड़ती नजर आ रही है. दोनों का एक दूसरे पर आक्रामक होना कांग्रेस में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत देता नजर आ रहा है.

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