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बूंदी जिले में बाढ़ बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान, प्रशासन पर मिली लापरवाही की शिकायत

बूंदी जिले में बाढ़ बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान, प्रशासन पर मिली लापरवाही की शिकायत

बूंदी जिले में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिले के कई क्षेत्रों में भिंडी, टमाटर, मक्का और सोयाबीन की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। खेतों में चार से पांच फीट तक पानी भर जाने के कारण फसल पूरी तरह खराब हो गई है।

किसानों का बड़ा नुकसान, बाढ़ ने किया सब कुछ तबाह

किसानों का कहना है कि इस बार हुई बरसात सामान्य से कहीं अधिक थी, जिससे खेतों में पानी भर गया और फसल बर्बाद हो गई। वे बताते हैं कि उन्होंने समय रहते प्रशासन को इस खतरे की सूचना दी थी, लेकिन उनकी किसी भी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण उनका बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। न केवल फसलें खराब हुई हैं, बल्कि किसानों के मकान, मवेशी और सामान्य आवागमन के रास्ते भी पानी में डूबे हुए हैं।

एनडीटीवी राजस्थान ने पहुंचकर किया हालात का जायजा

किसानों की इस आपदा की गंभीरता को समझते हुए एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ित किसानों से बातचीत की। साथ ही टीम ने ड्रोन कैमरे के माध्यम से बाढ़ की तबाही की तस्वीरें और वीडियो भी कैद किए, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे खेत, मकान और सड़कें पानी में डूब गई हैं।

प्रशासन की लापरवाही से बढ़ी किसानों की मुश्किलें

किसानों ने प्रशासन की ओर से समय पर बाढ़ की चेतावनी न देने और राहत कार्यों में देरी को लेकर कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यदि पहले से ही उचित कदम उठाए जाते तो फसल और संपत्ति को बचाया जा सकता था। स्थानीय लोग प्रशासन से जल्दी से जल्दी राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

आगे की क्या है रणनीति?

स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन क्षेत्र में पानी कम होने के साथ ही राहत एवं पुनर्वास कार्य शुरू करने की संभावना है। किसानों की आर्थिक मदद और क्षति का आकलन कर मुआवजा योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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