यूडी टैक्स के फेर में अटकी कोटा के हॉस्टलों की फायर एनओसी, देखें वायरल क्लिप में पूरा बयान
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! कोटा में करीब चार हजार हॉस्टल संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें देशभर से आए स्टूडेंट्स रहते हैं। इन हॉस्टलों में आग से बचाव के लिए पुख्ता बंदोबस्त होने जरूरी हैं। फायर एनओसी नहीं होने पर जिला प्रशासन के निर्देश पर हॉस्टलों को सीज कर दिया जा रहा है। वहीं ऐसे हॉस्टल जिनमें आग से बचाव के सभी बंदोबस्त है उन्हें फायर एनओसी नहीं मिल पा रही है। इसका कारण है कि फायर एनओसी देने के साथ ही यूडी टैक्स भी वसूला जा रहा है। इसके चलते हॉस्टल एसोसिएशन की तरफ से बुधवार को नगर निगम में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा कि यूडी टैक्स पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है
उसके बिना फायर एनओसी नहीं दी जा रही है। नतीजा, जिन हॉस्टलों में आग से बचाव के इंतजाम हैं, वहां भी फायर एनओसी नहीं मिल पा रही है। इसके चलते बुधवार को हॉस्टल एसोसिएशन की ओर से नगर निगम में ज्ञापन दिया गया। कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल के नेतृत्व में हॉस्टल प्रबंधकों ने कोटा दक्षिण नगर निगम आयुक्त एवं महापौर को ज्ञापन सौंपा.
नवीन मित्तल ने बताया कि जब भी फायर एनओसी के लिए आवेदन किया जाता है तो उनसे यूडी टैक्स की रसीद मांगी जाती है। वहीं उन पर यूडी टैक्स लगेगा या नहीं. यदि हां, तो किस नियम के तहत कितना टैक्स देना होगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है. ऐसे में न तो उनकी फायर एनओसी मिल पा रही है और न ही यूडी टैक्स के बारे में कोई स्पष्टीकरण। जब भी किसी हॉस्टल की शिकायत मिलती है तो जिला प्रशासन तुरंत हॉस्टल को सीज करने की कार्रवाई करता है.
इस संबंध में नगर निगम को ज्ञापन सौंपकर यूडी टैक्स स्पष्ट करने और फायर एनओसी जारी करने की मांग की गई है. उनका कहना है कि निगम ने यूडी टैक्स वसूली का काम एक निजी कंपनी को दे दिया है. कंपनी 2007 से बिना किसी सर्वे के बकाया यूडी टैक्स वसूल रही है। बताया जा रहा है कि कुछ हॉस्टल पर 2012 से यूडी टैक्स बकाया है, जबकि हॉस्टल खुद 2016 से चल रहा है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल को लेकर नियम स्पष्ट होने चाहिए.