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राजस्थान में डेबॉक कंपनी के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, देखे वीडियो 

राजस्थान में डेबॉक कंपनी के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, देखे वीडियो

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने शुक्रवार सुबह जयपुर में डेबॉक कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की। यह रेड शेयर घोटाले और वित्तीय फर्जीवाड़े से जुड़ी जांच का हिस्सा है, जिसमें जयपुर, टोंक, देवली सहित कई अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की जा रही है। ED ने यह छापेमारी कंपनी के खिलाफ वित्तीय अपराधों की जांच के तहत की है, जिसके संबंध में गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

फर्जी कंपनी और डमी डायरेक्टर्स का आरोप

सूत्रों के अनुसार, डेबॉक कंपनी पर आरोप है कि उसने फर्जी कंपनियों और डमी डायरेक्टर्स का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाले को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी ने शेयर बाजार में अवैध तरीके से निवेशकों से फंड जुटाए और बाद में उन फंड्स का ग़लत तरीके से इस्तेमाल किया। आरोप है कि कंपनी ने वित्तीय गतिविधियों को छिपाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए और जांच एजेंसियों से बचने के लिए विभिन्न धोखाधड़ी योजनाओं का सहारा लिया।

ED की जांच और कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और बड़ी संख्या में दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान कई ऐसे महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जो इस घोटाले को लेकर कंपनी के संलिप्तता को प्रमाणित कर सकते हैं। ED अब इन साक्ष्यों की जांच कर रही है, ताकि वित्तीय फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा सके।

छापेमारी के दौरान, डेबॉक कंपनी के अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ भी की गई, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके। जांच के सिलसिले में ED ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है।

शेयर घोटाले की जांच

इससे पहले, शेयर घोटाले में डेबॉक कंपनी के नाम के सामने आने के बाद इस मामले ने ज्यादा तूल पकड़ा था। कई निवेशकों ने इस कंपनी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और उनके निवेश का बड़ा हिस्सा ग़ायब हो गया था। ED ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी और अब छापेमारी कर मामले की गंभीरता को उजागर करने की कोशिश कर रही है।

यह छापेमारी तब हुई है जब राजस्थान में वित्तीय घोटालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि वे इस तरह के धोखाधड़ी मामलों में तेजी से कार्रवाई करेंगे ताकि सार्वजनिक विश्वास को बचाया जा सके और दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जा सके।

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