Kota के बायलोजिकल पार्क में 9 दिन में 5 लाख की कमाई फिर भी सुविधाओं को तरस रहे पर्यटक, पार्क में बब्बर शेर, टाइगर व भालू का इंतजार
कोटा न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े अभेडा बायलोजिकल पार्क को चालू हुए 9 दिन हो गए है। लेकिन इस पार्क में अभी तक बड़े जानवर शिफ्ट नहीं हुए है। यहां आने वाले पर्यटक 50 रुपए खर्च करने के बाद भी बब्बर शेर,टाइगर व भालू का दीदार नहीं कर पा रहे है। पर्यटक निराश होकर लौट रहे है। इतना ही नहीं, इलेक्ट्रिकल व्हीकल नहीं होने से यहां के लंबे ट्रैक पर पर्यटकों को पैदल की घूमना पड़ रहा है। यहां लोगों के चाय नाश्ते के लिए भी स्टॉल नहीं है। जबकि पर्यटकों से 50 रुपए का शुल्क वसूला जा रहा है।
अभेडा बायोलॉजिकल पार्क 1 जनवरी को चालू हुआ था। पिछले 8 दिन में लगभग 9 हजार से ज्यादा पर्यटक पार्क को देखने पहुंचे। रविवार के छुट्टी के दिन 3 से 4 हजार की संख्या में पर्यटक आए। पार्क में अबतक 12 हजार से ज्यादा लोग घूमने आ चुके है। जिनसे करीब 5 लाख रुपए का शुल्क वसूला है। पर्यटकों के घूमने के लिए यहां 20 साइकिल रखी गई है। लेकिन भीड़ ज्यादा आने के कारण उनका उपयोग नहीं किया जा रहा।
बायोलॉजिकल पार्क देखने आए अमरीश सेठी ने बताया कि जानवरों के एनक्लोजर दूर दूर बनाए गए। आगे वाले एनक्लोजर खाली है। पीछे वाले एनक्लोजर में जानवर है। ऐसे में पैदल लम्बा जाना पड़ रहा है। परिवार के साथ आए थे। जैसा सुना था वैसा नजर नहीं आया। पैसा ले रहे है तो सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। वहीं एक अन्य पर्यटक ने बताया कि
पार्क अच्छा बना है। लेकिन जैसा नाम है, वैसा कुछ नही। केवल एक लोमड़ी नजर आई है। घूमते घूमते थक गए। यहां पर ज्यादा कोई वन्यजीव देखने को नहीं मिले है। ना ही सुविधाओं का विस्तार हुआ है।12 साल के मंजीत सिंह ने कहा कि टाइगर,व बब्बर शेर नहीं होने से उन्हें बिल्कुल खाली खाली लग रहा है। 50 का टिकट उनसे लिया गया है,वो पैसा वसूल नहीं हुआ। लोमड़ी दिखी,बाघ सोता हुआ मिला।
जयपुर के नाहरगढ़ बायलोजिकल पार्क 720 हेक्टर में बना है। कोटा का अभेडा बायलोजिकल पार्क 143 हेक्टर में बना है। इस बायलोजिकल पार्क की सबसे बड़ी खासियत ये है कि, यहां जानवरों के लिए बड़े-बड़े एनक्लोजर बनाए गए है। टाइगर के लिए 2 हजार वर्ग मीटर का एनक्लोजर बनाया है। चीतल के लिए 6 हजार वर्ग मीटर, शेर के लिए 3 हजार वर्ग मीटर, नीलगाय व सांभर के लिए 2-2 हजार वर्ग मीटर के एनक्लोजर बनाए गए है।
एसीएफ अनुराग भटनागर ने बताया कि उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। जल्द से जल्द कोटा बायोलॉजिकल पार्क में बब्बर शेर व टाइगर को लाने की परमिशन दी जाए। क्योंकि यहां पर पर्यटकों को मांग के अनुरूप वन्यजीव देखने को नहीं मिल रहा है।
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