SI Paper Leak Case केस में राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 11 ट्रेनी एसआई और कॉन्स्टेबल की जमानत के आदेश रद्द
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! एसआई भर्ती पेपरलीक केस में हाईकोर्ट ने सीएमएम कोर्ट के 11 ट्रेनी एसआई और कॉन्स्टेबल को जमानत पर रिहा करने के आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस सुदेश बंसल की अदालत ने सीएमएम कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि जब कोर्ट ने पहले से गिरफ्तार 14 आरोपियों के संबंध में तथ्य जांचने के लिए डीजीपी को निर्देश दिए थे, तो उस रिपोर्ट के आने से पहले कोर्ट को इन आरोपियों को लेकर डिफरेंट व्यू लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी। हाईकोर्ट ने पहले से लंबित जांच के साथ-साथ इन 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के तथ्यों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट सीएमएम कोर्ट में पेश करने की बात कही है।
हाईकोर्ट ने डीजीपी को पहले से लंबित जांच के साथ इन 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के तथ्यों की जांच कर 15 दिनों के भीतर सीएमएम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. वहीं, रिपोर्ट मिलने के बाद सीएमएम कोर्ट अवैध हिरासत के बिंदु पर फैसला करे. दरअसल, जयपुर मेट्रो-2 की सीएमएम कोर्ट ने 12 अप्रैल को 11 प्रशिक्षु एसआई और एक कांस्टेबल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. जिस पर हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल को अंतरिम रोक लगा दी थी. इस रोक के बाद आरोपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को एक हफ्ते में मामले की सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था.
एसओजी ने कहा- 2 अप्रैल को स्वतंत्र रूप से बैरक में रखा गया
एसओजी की ओर से बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि सभी आरोपियों को कानूनी तौर पर गिरफ्तार किया गया है. 2 अप्रैल को आरपीए से लाए जाने के बाद सभी आरोपियों को स्वतंत्र रूप से एसओजी बैरक में रखा गया था. जहां एसओजी के कर्मचारी रहते हैं. हमने 3 अप्रैल को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, 24 घंटे के अंदर इसे कोर्ट में पेश किया गया. हमने उन्हीं प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार किया है जिनके खिलाफ हमें सबूत मिले थे. हमने बाकी को आरपीए को भेज दिया।
आरोपी ने कहा- अवैध हिरासत में रखा गया
आरोपियों की ओर से वकील रमित पारीक, वेदांत शर्मा व अन्य ने कहा कि जब एसओजी आरोपियों को आरपीए से ले गई। उसी समय से उनकी गिरफ्तारी मानी जायेगी. क्योंकि गिरफ्तारी की परिभाषा के अनुसार, जब कोई एजेंसी किसी व्यक्ति को जबरन हिरासत में लेती है, या जब कोई व्यक्ति किसी एजेंसी के अनुरोध पर अपनी हिरासत सौंप देता है। दोनों ही मामलों में यह गिरफ्तारी की परिभाषा के अंतर्गत आएगा।
इस मामले में एसओजी उससे पहले जोधपुर से आरपीए और कांस्टेबल को हिरासत में लेने के बाद 2 अप्रैल को 11 प्रशिक्षु एसआई को लेकर आई थी. लेकिन एसओजी ने सभी की गिरफ्तारी 3 अप्रैल को दिखाई. जो सीआरपीसी की धारा-57 और संविधान के अनुच्छेद-22(2) का उल्लंघन है.
सीएमएम कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी
जयपुर मेट्रो-द्वितीय की सीएमएम कोर्ट ने एसओजी द्वारा आरोपियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद पेश करने को उल्लंघन माना। कोर्ट ने माना कि एसओजी ने आरोपी को अवैध हिरासत में रखा है. इस पर कोर्ट ने गिरफ्तार प्रशिक्षु एसआई हरखू, मंजू, सुरेंद्र कुमार, जयराज सिंह, सुभाष, दिनेश, चेतन सिंह, मालाराम, राकेश, दिनेश, चेतन सिंह, मालाराम, राकेश, अजय, मनीष और कांस्टेबल अभिषेक को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। । हमें दिया गया
यह माजरा हैं
बता दें कि 2 अप्रैल की सुबह करीब 9.30 बजे एसओजी टीम राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) पहुंची थी. यहां आरोपियों से 3 घंटे तक पूछताछ की गई. इसके बाद 15 प्रशिक्षु एसआई को हिरासत में लेकर एसओजी मुख्यालय लाया गया. इसमें 2 महिला और 13 पुरुष सब-इंस्पेक्टर शामिल थे. यहां पूछताछ के बाद तीन अप्रैल को 11 प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके अलावा एसओजी ने जोधपुर कमिश्नरेट के सदर बाजार थाने में तैनात कांस्टेबल अभिषेक बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया है. अभिषेक बिश्नोई ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पास कर ली लेकिन शामिल नहीं हुए।