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12वीं इतिहास पुस्तक में विवाद, कांग्रेस नेताओं का अधिक उल्लेख, मोदी के योगदान की अनदेखी, सीनियर अधिकारी को एपीओ किया गया

12वीं इतिहास पुस्तक में विवाद, कांग्रेस नेताओं का अधिक उल्लेख, मोदी के योगदान की अनदेखी, सीनियर अधिकारी को एपीओ किया गया

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की इतिहास पुस्तक में "आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत" के संदर्भ में उठे विवाद ने और जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस नेताओं के योगदान का अधिक उल्लेख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान की अनदेखी के आरोप के बीच राज्य सरकार ने सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश कुमार ओझा को एपीओ (अकाउंट पब्लिक ऑर्डर) कर दिया है और उनका स्थानांतरण शिक्षा निदेशालय बीकानेर कर दिया गया है।

विवाद का कारण क्या था?

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की इतिहास की पाठ्यपुस्तक में स्वतंत्रता संग्राम के बाद के भारत के इतिहास का विवरण दिया गया है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के योगदान का विस्तृत उल्लेख किया गया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व में किए गए विकास कार्यों का कोई उल्लेख नहीं किया गया। इसके बाद यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया।

कांग्रेस नेताओं के योगदान पर केंद्रित इस पुस्तक ने कुछ राजनीतिक दलों और खासकर भा.ज.पा. को आपत्ति जताने का अवसर दिया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी के योगदान को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया, जो कि एक संवेदनशील मुद्दा बन गया।

अधिकारी का एपीओ और स्थानांतरण

इस पूरे मामले में दिनेश कुमार ओझा, जो राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे, उन्हें एपीओ कर दिया गया। उनका स्थानांतरण अब शिक्षा निदेशालय बीकानेर किया गया है। हालांकि, सरकार ने स्थानांतरण के पीछे किसी प्रकार की राजनीतिक मंशा को नकारते हुए इसे प्रशासनिक निर्णय बताया है।

सरकार की प्रतिक्रिया

राजस्थान सरकार ने इस पूरे विवाद पर शुरुआत में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया, लेकिन बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसे पाठ्यक्रम में सुधार की प्रक्रिया के तहत एक सामान्य प्रशासनिक कदम बताया। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शैक्षिक सामग्री में सुधार के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी, ताकि आगे से इस प्रकार के विवादों से बचा जा सके।

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