
जिले में सुशासन और प्रशासनिक दक्षता को लेकर मंगलवार को आयोजित जिला स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपने कार्यक्षेत्र में तकनीकी दक्षता, जवाबदेही और मानवीय दृष्टिकोण को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी और संवेदनशील बनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और अधिक मजबूत हो।
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। समीक्षा करते हुए कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि शासन की योजनाओं और सेवाओं का लाभ तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक अधिकारी संवेदनशीलता के साथ आम नागरिकों की समस्याओं को न समझें और उनका समाधान प्राथमिकता से न करें।
"प्रशासनिक व्यवस्था में संवेदनशीलता ज़रूरी"
कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा,
"आधुनिक तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है, लेकिन इसके साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण को कभी नहीं भूलना चाहिए। प्रत्येक अधिकारी को अपने स्तर पर यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक को कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें और उन्हें समयबद्ध, न्यायसंगत सेवा मिले।"
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी जनता से संवाद के दौरान विनम्रता, सहयोग और समर्पण का भाव अपनाने के लिए प्रेरित करें।
समयबद्ध सेवा और फील्ड विज़िट की अहमियत
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि अधिकारी नियमित रूप से फील्ड विजिट करें ताकि जमीनी हकीकत को समझा जा सके। उन्होंने कहा कि कागज़ों पर योजनाओं की प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण है कि उनका असर ज़मीन पर दिखे।
उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों से कहा कि लंबित कार्यों की सूची तैयार कर समयबद्ध समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
जनता से जुड़ाव बढ़ाने की अपील
अधिकारियों से कहा गया कि वे आमजन के साथ सीधे संवाद बढ़ाएं, शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दें और उनकी निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करें। ऐसा करने से प्रशासन के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ेगा और योजनाओं का क्रियान्वयन भी अधिक प्रभावी होगा।