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जल आपूर्ति के साथ-साथ टूरिस्टों को भी आकर्षित कर रहा बीसलपुर बांध, वीडियो में खूबसूरत नजारा देख आप भी बना लेंगे घूमने का प्लान 

जल आपूर्ति के साथ-साथ टूरिस्टों को भी आकर्षित कर रहा बीसलपुर बांध, वीडियो में खूबसूरत नजारा देख आप भी बना लेंगे घूमने का प्लान 

राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध अब सिर्फ एक जल परियोजना नहीं रह गया है। बीते कुछ वर्षों में यह न सिर्फ जयपुर, अजमेर और टोंक जैसे प्रमुख शहरों की जीवनरेखा बना है, बल्कि धीरे-धीरे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है। मानसून के मौसम में यह बांध अपनी खूबसूरती से हर किसी का मन मोह लेता है। हर साल यहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जो इसके मनोरम दृश्यों, शांत वातावरण और विशाल जलराशि से आकर्षित होते हैं।


जल आपूर्ति की धड़कन है बीसलपुर बांध
बीसलपुर बांध का निर्माण बाणास नदी पर किया गया था और इसका उद्देश्य शुरू में पीने के पानी और सिंचाई के लिए जल संग्रह करना था। आज यह बांध जयपुर, अजमेर, टोंक और आसपास के कई क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराता है। राजधानी जयपुर की बड़ी आबादी की प्यास बुझाने वाला यह बांध हर साल मानसून में लाखों क्यूसेक पानी इकट्ठा करता है, जो पूरे साल इन इलाकों की जल जरूरतों को पूरा करता है।2019 और 2022 में जब जयपुर में पानी की भारी किल्लत देखी गई थी, तब बीसलपुर परियोजना ने ही पूरे शहर की जरूरतों को संभाला। यही कारण है कि यह बांध राजस्थान के लिए एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण जलस्रोत बन चुका है।

बढ़ता पर्यटन आकर्षण
लेकिन केवल जलापूर्ति ही इसकी पहचान नहीं है। बीते कुछ वर्षों में बीसलपुर बांध ने खुद को एक प्राकृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है। विशेष रूप से बरसात के मौसम में जब बांध अपने पूरे शबाब पर होता है और जलस्तर बढ़कर किनारों तक पहुंचता है, तब इसकी सुंदरता देखने लायक होती है। लोगों की भीड़ यहां केवल तस्वीरें खींचने नहीं आती, बल्कि कुछ घंटे सुकून से बिताने, प्राकृतिक वातावरण में ताजगी लेने और अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए भी आती है।वीकेंड पर जयपुर और अजमेर से आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बाइक राइडर्स, ट्रेवल व्लॉगर्स और नेचर लवर्स के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहां का शांत वातावरण, पक्षियों की चहचहाहट और दूर-दूर तक फैला नीला जल दृश्य इसे और भी खास बनाते हैं।

फोटोग्राफी और सोशल मीडिया का नया सेंटर
सोशल मीडिया की दुनिया में भी बीसलपुर बांध का जादू कम नहीं। मानसून में जब इसके गेट खोले जाते हैं, तब यहां का दृश्य किसी वॉटरफॉल से कम नहीं लगता। इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर बीसलपुर के वीडियोज और तस्वीरें खूब वायरल होती हैं। पेशेवर फोटोग्राफर से लेकर आम पर्यटक तक, हर कोई यहां की प्राकृतिक छटाओं को अपने कैमरे में कैद करना चाहता है।ड्रोन फोटोग्राफी और एरियल व्यू ने बीसलपुर को और अधिक प्रसिद्ध बना दिया है। जलप्रपात जैसा गिरता पानी, नीला आसमान, हरे-भरे पेड़ और दूर-दूर तक फैला जल—यह सब मिलकर इसे एक बेहतरीन प्राकृतिक चित्र जैसा बना देते हैं।

सावधानी की है ज़रूरत
हालांकि बीसलपुर एक सुंदर पर्यटन स्थल बनता जा रहा है, लेकिन इसकी संवेदनशीलता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मानसून के समय जब जलस्तर तेजी से बढ़ता है, तब कई बार सुरक्षा नियमों की अनदेखी भी होती है। प्रशासन द्वारा लगाए गए चेतावनी बोर्ड और बैरिकेड्स को कुछ पर्यटक नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।स्थानीय प्रशासन और जल विभाग समय-समय पर चेतावनियां जारी करते हैं कि लोग बांध के ज्यादा करीब न जाएं, खासकर तब जब गेट खुले हों या पानी का बहाव तेज हो। ज़रूरी है कि पर्यटक सुरक्षा मानकों का पालन करें और इस प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित रखें।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिल रहा फायदा
बीसलपुर के पर्यटन के रूप में उभरने का एक और बड़ा फायदा यह है कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के अवसर मिलने लगे हैं। पास के गांवों में कई लोगों ने चाय की दुकानों, छोटे भोजनालयों और ट्रैवल गाइड की सेवाओं की शुरुआत की है। स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों की भी यहां मांग बढ़ी है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिला है।

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