आलू खाने से पहले हो जाएं सतर्क, पैसे के लालच में लोगों के जान से खिलवाड, एक्सपर्ट ने बताया खतरा

राजधानी जयपुर समेत राजस्थान के कई इलाकों में अंदर से काले आलू बिक रहे हैं। इस कालेपन को "ब्लैक हार्ट" कहते हैं, जो लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी, अधिक तापमान और रसायनों के अधिक इस्तेमाल से होता है। देशभर में पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्यप्रदेश और बिहार से 60-80 दिन पुरानी फसलें बाजार में आ रही हैं। मुनाफे के लालच में कई किसान फसल को समय से पहले तैयार करने के लिए अधिक रसायन और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद बिना उचित व्यवस्था के कोल्ड स्टोरेज में रखे आलू को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे वह अंदर से काले होने लगते हैं।
खाद्य विभाग ने नष्ट किए हजारों किलो सैंपल
जयपुर, मुरलीपुरा, अंबाबाड़ी, टोंक फाटक, जोतवाड़ा, शास्त्री नगर और मानसरोवर में बाजारों और दुकानों से ऐसे आलू बिक रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग ने 30 मई के दौरान प्रदेश में 1174 निरीक्षण किए, जिनमें 2389 सैंपल लिए गए। 7595 किलो फल और सब्जियों को मौके पर ही नष्ट किया गया। सबसे ज्यादा सैंपल जयपुर में सेब, आम और आलू के लिए गए। ऐसे आलू की वजह से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से फंगल इंफेक्शन जल्दी फैल सकता है। फंगस की वजह से गर्भवती महिलाओं में खुजली, सांस लेने में दिक्कत और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बुजुर्गों को पेट दर्द, उल्टी-दस्त और त्वचा पर चकत्ते और खुजली होने का खतरा रहता है। इसका असर आम लोगों पर भी पड़ता है। पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी और फंगल स्पोर्स के शरीर में प्रवेश करने का खतरा रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार घटिया और केमिकल युक्त आलू सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। बाजार से खरीदते समय सावधानी बरतें। सब्जी खरीदते समय काली मिट्टी और नमी वाले आलू न खरीदें। आलू को काटकर चेक करें, अगर काले धब्बे हों तो न खाएं। फंगस से प्रभावित हिस्से को पूरी तरह से हटा दें। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को देने से पहले जांच लें।