
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा आपातकाल की बरसी पर ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाए जाने को लेकर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने BJP पर लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसे ‘अघोषित आपातकाल’ करार दिया।
गहलोत ने एक बयान में कहा, "बीजेपी आज जिस तरीके से लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, वह एक तरह से आपातकाल का नया रूप है। यह अघोषित आपातकाल है, जो संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सीधा हमला है।" उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान की रक्षा की बात करने के बजाय उसे खत्म करने की साजिश की जा रही है।
आपातकाल की बरसी के मौके पर बीजेपी ने 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का ऐलान किया था, जिस पर गहलोत ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी अपने सत्ता संघर्ष में संविधान की मूल भावना को भूल चुकी है और लोकतंत्र को कमजोर करने में जुटी हुई है। गहलोत का कहना था कि 1975 में जब आपातकाल लागू किया गया था, तब भी लोकतंत्र पर हमला हुआ था, और अब बीजेपी उसी तरह के कदम उठा रही है, लेकिन इसे बिना किसी घोषणा के किया जा रहा है, जिसे ‘अघोषित आपातकाल’ कहा जा सकता है।
गहलोत ने यह भी कहा कि BJP का यह कदम संविधान और लोकतंत्र के प्रति उनकी निष्ठा पर सवाल उठाता है। उन्होंने इस पर भी चिंता जताई कि आज भारतीय राजनीति में संविधान को लेकर जिस तरह की उपेक्षा हो रही है, वह एक खतरनाक संकेत है।
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच राजनीति में कटुता बढ़ी हुई है, और गहलोत का यह बयान दोनों पार्टियों के बीच टकराव को और गहरा कर सकता है। हालांकि, बीजेपी ने गहलोत के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पार्टी केवल संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है, और इसे लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं की जा रही है।