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पश्चिमी राजस्थान की लूणी और जोजरी नदियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वाकांक्षी "मरुगंगा परियोजना" का आगाज

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पश्चिमी राजस्थान की जीवनरेखा मानी जाने वाली लूणी और उसकी सहायक जोजरी नदियों के पुनर्जीवन के लिए एक नई आशा की किरण दिख रही है। दशकों से सूख चुकी इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए अब विशेषज्ञों और राज्य सरकार ने मिलकर मरुगंगा परियोजना को नया स्वरूप दिया है। यह परियोजना पश्चिमी राजस्थान के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है, जिससे न केवल नदियों का प्रवाह 12 महीने बना रहेगा, बल्कि मरुस्थल को हरियाली का संदेश भी मिलेगा।

मरुगंगा परियोजना का उद्देश्य और महत्व

मरुगंगा परियोजना का मुख्य उद्देश्य लूणी और जोजरी नदियों को फिर से बहते हुए देखना है, जिससे न केवल स्थानीय जीवन का संजीवनी मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय जलवायु पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस परियोजना के तहत पानी की आवक बढ़ाने के लिए नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों का सुधार किया जाएगा और उनकी जलधाराओं को पुनः सक्रिय किया जाएगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं:

  1. जल संचयन और पुनर्भरण: मरुगंगा परियोजना के अंतर्गत, नदियों के जल संचयन और पुनर्भरण की प्रक्रियाएं मजबूत की जाएंगी, ताकि नदियों में पानी का स्थिर प्रवाह बना रहे।

  2. हरियाली का विस्तार: नदियों के पुनर्जीवन से आसपास के मरुस्थल में हरियाली का विस्तार होगा, जो कृषि और पर्यावरणीय संतुलन के लिए फायदेमंद साबित होगा।

  3. स्थानीय समुदाय का सशक्तिकरण: यह परियोजना स्थानीय लोगों को पानी की स्थिर आपूर्ति, कृषि के लिए पानी और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।

  4. पर्यावरणीय लाभ: नदियों के प्रवाह में वृद्धि से पर्यावरणीय सुधार होगा और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य सरकार और विशेषज्ञों की साझेदारी

इस परियोजना में राज्य सरकार के साथ-साथ पर्यावरण विशेषज्ञों और जलवायु वैज्ञानिकों की एक टीम काम कर रही है। इन विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना पश्चिमी राजस्थान की जलवायु को स्थिर करने और वहां की जीवनशैली को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव

लूणी और जोजरी नदियों का पुनर्जीवन न केवल पर्यावरण और कृषि के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और जल जीवन से जुड़े सामाजिक पहलुओं को भी पुनर्जीवित करेगा। नदी के किनारे बसे गांवों के लिए यह परियोजना आर्थिक अवसरों की भी सौगात लेकर आएगी।

नदी पुनर्जीवन की दिशा में बड़ा कदम

यह मरुगंगा परियोजना पश्चिमी राजस्थान में जल संकट और सूखा की समस्याओं से जूझ रहे समुदायों के लिए एक बड़ा और आशावादी कदम साबित हो सकती है। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो यह न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए नदी पुनर्जीवन की दिशा में एक मिसाल बन सकती है।

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