मुख्य सचिव के सख्त निर्देश के बाद बाड़मेर में कलेक्टर टीना डाबी ने किया सरप्राइज निरीक्षण, अफसरों के उड़ गए होश
राजस्थान के मुख्य सचिव द्वारा बुधवार (3 दिसंबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए गए सख्त निर्देशों के कुछ ही घंटे बाद बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने मैदान में उतरकर सरप्राइज निरीक्षण किया। इस निरीक्षण ने जिले के अफसरों की नींद उड़ा दी और प्रशासनिक लापरवाही उजागर कर दी।
टीना डाबी ने सबसे पहले बाड़मेर जिला मुख्यालय के दो सबसे बड़े सरकारी प्रतिष्ठानों—जिले का बस स्टैंड और पशु चिकित्सालय—का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि इन प्रतिष्ठानों में अनियमितताएं और अव्यवस्था का आलम था।
कलेक्टर ने बस स्टैंड और पशु चिकित्सालय में सफाई, व्यवस्था, कर्मचारियों की उपस्थिति और सेवाओं की गुणवत्ता का जायजा लिया। वहां मिली लापरवाही और बेवजह की गड़बड़ियों को देखकर उन्होंने अफसरों को कड़ी फटकार लगाई। टीना डाबी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और नागरिकों को उचित सेवाएं दी जाएं।
इसके अलावा कलेक्टर ने अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों में भी सरप्राइज अटैक किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि कई विभागों में कार्य में लापरवाही और नियमों की अनदेखी हो रही थी। उन्होंने अफसरों को चेतावनी दी कि अगर सुधार नहीं हुआ, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टीना डाबी ने कहा कि प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। उनका मानना है कि जनहित से जुड़े कार्यों में लापरवाही प्रशासन के प्रति जनता का विश्वास कमजोर करती है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर सरकारी प्रतिष्ठान में नियमित निरीक्षण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तंत्र मजबूत किया जाए।
स्थानीय लोग और कर्मचारियों ने बताया कि कलेक्टर का यह सरप्राइज निरीक्षण सख्त लेकिन आवश्यक कदम था, जो जिले में प्रशासनिक सुधार और सेवाओं में सुधार लाने में मदद करेगा। अफसरों में अब सक्रियता और जवाबदेही की भावना बढ़ी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे सख्त और प्रभावी निरीक्षण सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। बाड़मेर में टीना डाबी का यह कदम प्रशासनिक सुधार और नागरिक सुविधाओं में तेजी लाने का संदेश देता है।

