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अलवर का 50 प्रतिशत हिस्सा होगा एनसीआर से बाहर

अलवर जिले के 50 फीसदी हिस्से को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर करने की तैयारी शुरू हो गई है। एनसीआर की उप क्षेत्रीय योजना-2041 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना में एनसीआर में केवल तिजारा, नीमराणा, किशनगढ़बास, कोटकासिम और मुंडावर तहसीलों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है.......
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अलवर न्यूज़ डेस्क !!! अलवर जिले के 50 फीसदी हिस्से को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर करने की तैयारी शुरू हो गई है। एनसीआर की उप क्षेत्रीय योजना-2041 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना में एनसीआर में केवल तिजारा, नीमराणा, किशनगढ़बास, कोटकासिम और मुंडावर तहसीलों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है. उप नगर नियोजक कार्यालय की ओर से योजना से संबंधित डाटा भी हाल ही में संबंधित विभाग को भेज दिया गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी अलवर को एनसीआर से बाहर करने का मुद्दा छाया रहा था.

प्रचार के दौरान भी लोगों ने दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को एनसीआर से होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया. यदि अलवर को एनसीआर से बाहर कर दिया जाए तो यहां के विकास को पंख लग जाएंगे। एनसीआर की पाबंदियों के कारण अलवर का विकास बाधित हुआ।

पेट्रोल-डीजल महंगा, नई गाड़ी खरीदना भी जेब पर भारी

एनसीआर में शामिल होने के बाद अलवरवासियों को महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ रहा है. प्रदूषण के कारण अलवर में केवल बीएस-6 मॉडल के वाहन ही पंजीकृत हैं, जो अन्य वाहनों की तुलना में महंगे हैं। इसी प्रकार औद्योगिक विकास भी अवरुद्ध है। कुल मिलाकर एनसीआर में शामिल होने के बाद अलवर को कोई खास फायदा नहीं हुआ।

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