सेवा की आड़ में चोरी: गुरुद्वारे की गोलक से पैसे निकालते युवक को रंगे हाथ पकड़ा
धार्मिक स्थलों में श्रद्धा और सेवा की भावना को ठेस पहुंचाने वाला एक मामला सामने आया है। सेवा के बहाने लंबे समय से गुरुद्वारे में आ-जा रहे एक युवक को संगत ने गोलक से पैसे चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। घटना के बाद गुरुद्वारा परिसर में अफरा-तफरी मच गई, वहीं संगत में भारी नाराजगी देखी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक काफी समय से गुरुद्वारे में नियमित रूप से आ रहा था। वह खुद को सेवा भाव से जुड़ा हुआ दिखाता था और इसी बहाने गुरुद्वारे के अंदर बेरोकटोक आना-जाना करता था। शुरुआती दिनों में किसी को उस पर शक नहीं हुआ, लेकिन धीरे-धीरे गुरुद्वारा प्रबंधन को गोलक में रखी रकम लगातार कम होने का संदेह होने लगा।
गुरुद्वारा प्रबंधन और संगत के सदस्यों ने आपसी चर्चा के बाद इस मामले की सच्चाई जानने के लिए निगरानी शुरू करने का निर्णय लिया। कुछ सदस्यों ने अलग-अलग समय पर गोलक और आसपास के क्षेत्र पर नजर रखनी शुरू की। इसी दौरान घटना वाले दिन आरोपी युवक गुरुद्वारे में आया और मौका पाकर गोलक से पैसे निकालने की कोशिश करने लगा।
जैसे ही युवक ने गोलक में हाथ डाला, वहां मौजूद संगत के कुछ सदस्यों ने उसे देख लिया। लोगों ने तत्काल उसे पकड़ लिया और शोर मचाया। इसके बाद अन्य श्रद्धालु भी मौके पर एकत्र हो गए। युवक से पूछताछ करने पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
घटना की सूचना गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया है कि आरोपी पहले भी कई बार इसी तरह गोलक से पैसे निकाल चुका था। हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसने अब तक कितनी राशि चोरी की है।
गुरुद्वारा प्रबंधन ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों में दान की गई राशि का उपयोग सेवा कार्यों, जरूरतमंदों की सहायता और धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जाता है। इस तरह की चोरी न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि धार्मिक आस्था पर भी चोट है।
स्थानीय संगत ने भी आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी धार्मिक स्थलों की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत न करे।

