Supreme Court: डॉक्टर के कथित अपहरण मामले में चंडीगढ़ पुलिस को राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर पांच सप्ताह की रोक

पीठ ने धवन से जवाब मांगा और कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है। इसने चंडीगढ़ पुलिस को मामले से संबंधित सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल सहित रिकॉर्ड को संरक्षित करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई पांच सप्ताह के बाद निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान, भूषण ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ तीन अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई थीं और उनमें से दो में उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन तीसरी में उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। हालांकि, सुनवाई के दिन, चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच पुलिस की एक टीम ने धवन का अपहरण किया, जबकि एक अन्य टीम ने अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस हफ्ते की शुरूआत में शीर्ष अदालत चंडीगढ़ पुलिस की याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन के अनुसार, नैरोबी की एक नागरिक ने धवन पर धोखा देने का आरोप लगाया, जब वह 2017-18 के दौरान भारत आई थी। जब धवन एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराने गए, तो चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया। हालांकि पुलिस का दावा है कि उसे एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस महीने की शुरूआत में, उच्च न्यायालय ने पंजाब के डीजीपी को मामले की जांच के लिए एक सप्ताह के भीतर एसआईटी गठित करने को कहा था।
--आईएएनएस
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