Breaking : पंजाब में आम आदमी विधायक पर विजिलेंस की रेड, नगर निगम से लोगों को भिजवाता था झूठे नोटिस
विधायक रमन अरोड़ा के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके करीबी और लंबे समय से फरार आढ़ती महेश मखीजा आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया है। गिरफ्तारी के डर से महेश मखीजा ने अदालत में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद विजिलेंस विभाग ने उसे औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ चल रही जांच में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
महेश मखीजा था विधायक का भरोसेमंद साथी
मामले की जांच में पता चला है कि महेश मखीजा विधायक रमन अरोड़ा का बेहद भरोसेमंद आढ़ती था। वह कई प्रॉपर्टी डील्स में रमन अरोड़ा की ओर से सक्रिय भूमिका निभाता था। सूत्रों के अनुसार, विधायक के निर्देश पर महेश मखीजा ने कई जगहों पर संपत्तियों के लेन-देन को अंजाम दिया है। इनमें कई डील ऐसी हैं जिनमें प्रॉपर्टी महेश मखीजा के नाम पर दर्ज थी।
विशेष रूप से, बड़ी डील के दौरान मखीजा की एक महिला रिश्तेदार भी सक्रिय रहती थी, जो सौदों को पक्का करने का काम करती थी। यह पूरा नेटवर्क काले धन को सफेद करने की गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह पाया जा रहा है।
काला धन सफेद करने की आशंका
जांच एजेंसियों का मानना है कि महेश मखीजा और उसके सहयोगियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में काला धन को वैध बनाने की कोशिश की गई। इसकी पड़ताल के लिए विजिलेंस विभाग महेश मखीजा से जुड़ी गुप्त जानकारियों और दस्तावेजों की खोज में जुटा है। माना जा रहा है कि मखीजा के पास विधायक रमन अरोड़ा से जुड़े कई संवेदनशील दस्तावेज और लेन-देन की जानकारी है, जो इस मामले की जांच को निर्णायक दिशा दे सकते हैं।
दबाव के बाद हुआ सरेंडर
विजिलेंस विभाग ने महेश मखीजा के परिवार और साथियों पर दबाव बनाया था ताकि वह स्वयं पेश हो। विभाग ने उसके कई साथियों को बुलाकर पूछताछ की और मखीजा के स्वजन को भी केस में शामिल करने की धमकी दी। बढ़ते दबाव के कारण महेश मखीजा ने आखिरकार अदालत में सरेंडर किया।
तीन अन्य आरोपियों की तलाश जारी
विजिलेंस विभाग ने महेश मखीजा के साथ जुड़े तीन अन्य लोगों की भी पहचान की है, जो कई प्रॉपर्टी डील्स और वित्तीय लेन-देन में शामिल बताए जा रहे हैं। इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी और तलाश जारी है। इनके पकड़े जाने के बाद इस केस में और कई बड़े राज़ खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।
आगे क्या हो सकता है?
महेश मखीजा की गिरफ्तारी और उससे मिले सुराग इस जांच को नए मुकाम पर ले जा सकते हैं। यदि उसके द्वारा दी गई जानकारी सही साबित होती है, तो विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ कानून का शिकंजा और कसना तय है। आने वाले दिनों में इस मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है और जांच का दायरा और व्यापक हो सकता है।
निष्कर्ष
विधायक रमन अरोड़ा के करीबी महेश मखीजा की गिरफ्तारी से इस भ्रष्टाचार और काला धन सफेद करने के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। विजिलेंस विभाग अब इसके पीछे छिपे नेटवर्क को उजागर करने में जुटा है। उम्मीद की जा रही है कि इस गिरफ्तारी से जांच को नई दिशा मिलेगी और जल्द ही इस केस में और खुलासे होंगे। इससे राजनीतिक हलकों में भी हलचल मची हुई है और यह मामला आने वाले समय में चर्चा का विषय बना रहेगा। यहां यह देखना बाकी है कि आगे की जांच में कितने बड़े राज़ खुलते हैं और विधायक रमन अरोड़ा की मुश्किलें कितनी बढ़ती हैं।

